फारुख हुसैन
डेस्क: दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों ने मिलकर गुरुवार को किसान मज़दूर महापंचायत का आयोजन किया। एसकेएम के नेता डॉ। दर्शनपाल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसान बीजेपी नेताओं को गांवों में नहीं घुसने देंगे।
इस दौरान पुलिस और किसान प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत के कारण कई लोग घायल हुए हैं। इस दौरान एक युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई। इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे देश में प्रदर्शनों का आह्वान किया और 14 मार्च को दिल्ली में महा पंचायत का एलान किया था। देशभर से हज़ारों किसान एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए थे। इस महापंचायत को दिल्ली पुलिस ने इजाजत दे थी और यूनियनों ने कहा था कि अधिकतम 5,000 लोगों की ही सभा करें। वाहन, हथियार के साथ सभा में आने की इजाजत नहीं थी। गुरुवार को पूरे देश भर से किसान और मज़दूर यूनियनों के प्रतिनिधि रामलीला मैदान पहुंचे।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘इस महापंचायत से सरकार को संदेश मिल गया है कि किसान इकट्ठा हैं और भारत सरकार बातचीत का समाधान करे। यह आंदोलन ख़त्म नहीं होगा। जिस तरह उन्होंने बिहार को बर्बाद किया, वहां मंडियां खत्म कर दीं, पूरे देश को बर्बाद करना चाहते हैं।’
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