सूरत: मुल्क में नाम से मज़हब तलाश भले कुछ लोग करे, मगर हकीकत ये है कि गंगा जमुनी तहजीब वाले इस मुल्क में इन्सानियत की मिसालो में मज़हब कही नही होता है। ऐसा ही कुछ इन्सानियत की मिसाल पेश करने वालो में सूरत के कोविड केयर सेंटर में तैनात नर्स है नैंसी आयज़ा मिश्त्री। जो गर्भ में पल रहे अपने लाला के साथ, रमजान के रोज़े रखते हुवे कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा कर रही है।
नैंसी 4 माह की गर्भवती है। उस पर चलते हुवे रमजान के मुकद्दस महीने में उनके रोज़े भी चल रहे है। रोज़ा रखकर भी यह नर्स सूरत के कोविड केयर सेंटर में कोरोना संक्रमितो की देखभाल में कोई कसर नही छोड़ रही है।
इतने कठिन व्रत के बावजूद भी नैंसी रोज़ अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभा रही हैं। नैंसी का कहना है कि ‘मैं नर्स की तरह अपनी ड्यूटी कर रही हूं। मेरे लिए लोगों की सेवा ही सबसे बड़ी इबादत है।’
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