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पढ़े बड़ा खुलासा – लोहता में कुछ सरदार जारी कर रहे तुगलकी फरमान, कानून को ताख पर रख जारी करते है अपना आदेश (भाग-2)

तारिक आज़मी

पिछले अंक में आपने पढ़ा कि किस तरीके से लोहता थाना क्षेत्र के कनिसराय इलाके में एक महिला को तलाक पञ्च परमेश्वर द्वारा दिलवाया जाता है। उसके ठीक तीन दिनों के बाद उस तलाक शुदा महिला की दूसरी शादी उस महिला के देवर से करवा दिया जाता है। यहाँ सूत्र बताते है कि “तीन तलाक” एक ही बार में दिया गया। दिया भी क्यों नही जाता क्योकि बताया जाता है कि क्षेत्र के सरदार साहब का फरमान था। फरमान का हुक्म बजा लेने के लिए क्षेत्र के चर्चित अधिवक्ता महोदय मौजूद रहते ही है। अब बात को आगे ले चलते हुवे दो अन्य उदहारण भी पेश कर देते है।

धमरिया में भी हुआ है ऐसा ही मामला

धमरिया में दो मामले इसी तरह से संज्ञान में आये है जिसमे पत्नी को तीन तलाक दबाव में दिलवाया गया है। पहला मामला है कल यानि शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मरी सोनी से सम्बन्धित। हमारे पास एक अधिवक्ता और सोनी के पति मुबारक की काल रिकार्डिंग उपलब्ध झटके से हो गई। शायद सज्जन किसी और को भेज रहे होंगे मगर काल रिकार्डिंग हमारे पास आकर ऑटो डाउनलोड हो गई।

जब तक सज्जन उसको डिलीट करते तब तक रिकार्डिंग सुरक्षित हो चुकी थी। इस काल रिकार्ड में साफ़ साफ़ सोनी का पति मुबारक कह रहा है कि दबाव देकर मुझसे तीन तलाक कहलवाया गया है। अधिवक्ता महोदय बार बार उसको अपनी सफाई और स्थानीय नवनियुक्त सरदार साहब के तरफ से सफाई दे रहे थे। मगर काल रिकार्डिंग इस बात को साफ़ करती है कि अधिवक्ता महोदय के द्वारा मुबारक को दबाव ही नही बल्कि लालच भी दिया गया था। काल रिकार्डिंग हमारे पास सुरक्षित है। जिसको सुनकर समझा जा सकता है कि किस प्रकार से खुद के मुनाफे और खुद की साम्राज्य को जिंदा रखने के लिए कोई भी अनैतिक दबाव बनाया जा सकता है।

समाज की इंसानियत कायम रहे इसी कारण हम इस काल रिकार्डिंग को वायरल नही कर रहे है। हम समाज के हित में और कानून के सम्मान में इस काल रिकार्डिंग को समाचार के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत नही कर रहे है। समाज है साहब ये अच्छी नसीहते बहुत कम लेता है और बुरी बाते जल्दी सीख जाता है। दूसरी बात अधिवक्ता समुदाय का सम्मान भी तो है। महज़ चंद उंगलियों पर गिने चुने ही ऐसे है। बकिया सभी साफ़ और स्वच्छ छवि के अधिवक्ता है। मैं कुछ ऐसे भी अधिवक्ता से परिचित हु जो ये जब जानते है कि उनका मुवक्किल गलत है तो उसकी पैरवी न करके कानूनी सलाह देते है। ये इस समाज का सम्मान है। काल रिकार्डिंग हमारे पास सुरक्षित है। जैसे लिखा जाता है कि “लिख दिया ताकि सनद रहे और वक्त ज़रूरत काम आवे, वैसे ही हमने सुरक्षित रख लिया ताकि सनद रहे और वक्त ज़रूरत काम आवे।”

पिछले रविवार यानि 12 जुलाई 2021 को भी हुआ है ऐसा ही एक ट्रिपल तलाक

इस कड़ी में धमरिया क्षेत्र में पिछले रविवार यानि 12 जुलाई को भी एक ट्रिपल तलाक का मामला सामने आया है, जिसमे पीडिता का आरोप है कि एक स्थानीय अधिवक्ता और पंचायत के सरदार साहब के दबाव में तलाक लिया गया और ट्रिपल तलाक हुआ। प्रकरण बताते हुवे पीडिता ने हमसे कहा कि उसका विवाह स्थानीय एक युवक सोनू पुत्र नुरुद्दीन से हुआ था। पीडिता का आरोप है कि युवक के द्वारा उसके ऊपर अपने मायके की संपत्ति में हिस्सा माँगा जा रहा था। संपत्ति के हिस्सेदारी से मना करने पर युवक के द्वारा उसको मायके भेज दिया गया और मारपीट भी किया गया था। पीडिता ने बताया कि वह पढ़ी लिखी नही है। थाने पर जाने के बाद स्थानीय एक दरोगा जी उसको आश्वासन देते और वापस भेज देते। मगर कोई कार्यवाही नही किया। थक हार कर उसने शिकायत आगे किया तो मामला मीडीयेशन सेंटर पहुच गया, जहा से उसका पति आकर कहता था कि मैं जेल चला जाऊंगा मगर इसको रखूँगा नही।

मामला बढ़ने लगा। पीडिता की माने तो उसके ऊपर स्थानीय अधिवक्ता साहब का और सरदार साहब का दबाव पड़ने लगा। लोग उसको कहने लगे कि लड़का जेल जायेगा कुछ दिन में ज़मानत पर छुट जायेगा, तुम कोर्ट कचहरी दौड़ नही पाओगी। यानी कहने का मतलब साफ़ था लोगो का कि सुलह कर लो। सुलह भी अजीब हुई और मामले में मीडीएशन सेंटर पर ही पीडिता को तीन तलाक देकर रिश्ता खत्म कर दिया गया।

क्या कहा मीडीएशन सेंटर के डॉ मनोज कुमार सागर ने

इस सम्बन्ध में जब हमको पीडिता ने बताया कि उसका तलाक मीडीएशन सेंटर पर ही हो गया तो हम भी जानकार बड़े अचंभित हुवे। पीडिता ने बताया कि उससे वकील साहब ने तीन कागज़ पर अंगूठा लगवाया है। हमने इस सम्बन्ध में मीडीएशन सेंटर में मीडीएशन कर रहे डॉ मनोज कुमार सागर से फोन पर बात किया। हमने जब इस सम्बन्ध में पूछा तो उन्होंने जो बताया वो और भी अजीब था। उन्होंने एक अधिवक्ता का नाम लेकर कहा कि “वो वकील साहब आये थे और धर्म के सरदार भी थे। लोग जैसा समझे किया और मामले में काफी समझाने के बाद भी रिश्ता नही बचा तो तलाक हो गया।”

हमने इस सम्बन्ध में सवाल दाग दिया कि आपके सामने एक ही समय में तीन तलाक हो गया। नया कानून आये हुवे भी काफी समय हो गया। इतना हो हल्ला उठा था इस कानून को लेकर जिसमे “ट्रिपल तलाक प्रतिबंधित ही नही बल्कि अपराधिक कृत्य करार दे दिया गया है। फिर आपके सामने ऐसा अपराध हो कैसे गया और अपने कोई आपत्ति नही किया ?” हमारे सवाल पर सागर साहब थोडा सकपका गए और उन्होंने पीडिता से सुबह बात करके उचित मार्गदर्शन करने और सहयोग करने का आश्वासन दिया। मिली जानकारी के अनुसार आज शनिवार को सुबह पीडिता से सागर साहब ने फोन पर बात भी किया था। (पीडिता का बयान सुरक्षित है)

तीन मामले और एक ही वकील साहब और एक ही दरोगा जी, क्या महज़ इत्तेफाक है ?

हमारे संज्ञान में आये तीन मामलो में वकील साहब एक ही है। यही नही तीनो मामलो के गहराई तक जाए तो एक ही दरोगा जी दिखाई दे देते है। अब क्या सिर्फ इसको महज़ एक इत्तेफाक कहा जायेगा कि कुछ और। वैसे दरोगा राजेश सिंह के अभिन्न सम्बन्ध वकील साहब से क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बने रहते है। मगर हम क्या कह सकते है साहब ? दरोगा जी नाराज़ हो जायेगे। मगर साहब इस बार पूरी खबर के अच्छे खासे साक्ष्य हमारे पास उपलब्ध है कि इन तीनो मामलो में जिन लोगो की रही लगभग सब एक ही है। अब आप खुद सोचे कि इसको क्या सरदारी कहेगे या फिर कुछ और।

क्या कहता है तलाक पर इस्लाम ?

इस्लाम धर्म से सम्बन्धित होने के कारण मुझको भी इस्लाम की जानकारी है। उसके संदेशो की जानकारी है। बेशक इस्लाम में तलाक है। मगर उसके तरीके है। इस्लाम में यहाँ तक है कि जायज़ तो है तलाक मगर अल्लाह को सबसे ज्यादा नापसंद है ये। इसी कारण से आप देखेगे कि तलाक के मामले में कोई भी इस्लाम का जानकार खड़ा नही होता है। अगर पति पत्नी के बीच तलाक की नौबत आ जाती है तो हर एक व्यक्ति रिश्ते को बनाये रखने के लिए पुजोर कोशिश करता है। कोई भी तलाक के वक्त मौके पर मौजूद नही रहना चाहता है। मगर इसी इस्लाम के जानकारों द्वारा इस प्रकार की हरकत न केवल भारत के कानून को ताख पर रख देने की हिमाकत है बल्कि इस्लाम के पैगाम को भी नज़रअंदाज़ कर देने की हरकत होती है।

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