National

हेट क्राइम मसले पर सुप्रीम कोर्ट की उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार, माँगा 2 सप्ताह में जवाब, कहा ये देश की ज़िम्मेदारी होती है कि वह नागरिको की रक्षा करे

तारिक खान

डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 62 वर्षीय कज़ीम अहमद शेरवानी की एक याचिका पर आज सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को हेट क्राइम मुद्दे पर जमकर फटकार लगाया है। याचिकाकर्ता कज़ीम अहमद शेरवानी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि जुलाई 2021 में वे हेट क्राइम का शिकार हुए थे। याचिकाकर्ता की जानिब से एडवोकेट हुजैफा ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने याचिका के माध्यम से मांग किया है कि जिन्होंने उन्हें प्रताड़ित किया, उस पर कार्रवाई की जाए और उन पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ भी क़दम उठाए जाएँ, जिन्होंने इस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।

इस मामले में सुनवाई करते हुवे सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के0एम0 जोसेफ़ और बी9वी0 नागरत्ना की खंडपीठ ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुवे कहा कि ये देश की ज़िम्मेदारी होती है कि वो नागरिकों की रक्षा करे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस घटना को दबा नहीं सकती। उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने किया। अदालत ने उनसे कहा- क्या आप ये स्वीकार नहीं करेंगी कि हेट क्राइम हुआ है और आप इस मामले को दबा देंगे? हम सिर्फ़ अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं। अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, कुछ अधिकार हर लोगों के पास होते हैं। हम एक परिवार में पैदा होते हैं और पलते हैं, लेकिन हम एक राष्ट्र के रूप में खड़े होते हैं। आपको इसे गंभीरता से लेना होगा।

दूसरी ओर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ क़ानूनी अधिकारी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने ये स्वीकार किया कि याचिकाकर्ता को प्रतिरोध के कारण चोटें आई थी। इस पर अदालत ने कहा- हमें इससे इनकार नहीं करना चाहिए कि इस देश में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनका सांप्रदायिक नज़रिया है और वे आम तौरे पर ऐसा करते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल का तर्क था कि याचिकाकर्ता एक समुदाय से आते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं हुआ कि हेट क्राइम हुआ है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पुलिस के पास आता है और कहता है कि मैंने टोपी पहन रखी थी और मेरी दाढ़ी खींची गई और धर्म के नाम पर गाली दी गई। इसके बावजूद अगर कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई, तो समस्या है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर आप इसकी अनदेखी करेंगे, तो एक दिन ये आप पर आएगा। जो लोग संरक्षित हैं, उनके लिए समस्या नहीं। लेकिन ये आम लोगों को प्रभावित करता है और हम उनकी सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि वो दो सप्ताह के अंदर इस बात का जवाब दे कि इस घटना के अभियुक्त कब पकड़े गए और कब छोड़ दिए गए। खंडपीठ ने कहा कि आप उदाहरण बनिए और उन लोगों को ड्यूटी में लापरवाही के लिए परिणाम भुगतने दीजिए। इस मामले में लापरवाही हुई है और ग़लती स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं।

pnn24.in

Recent Posts

वाराणसी: पोलिंग के दिन कई कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने लिया निगरानी में, बोले अजय राय ‘ये लोकतंत्र की हत्या है’

तारिक़ आज़मी वाराणसी: आज लोकसभा चुनाव 2024 के 7वे और अंतिम चरण में वाराणसी में…

4 hours ago

लोकसभा चुनाव: UP में 1 बजे तक 39.31% मतदान, महराजगंज में सबसे अधिक, गोरखपुर में सबसे कम हुआ मतदान

शफी उस्मानी वाराणसी: बढती गर्मी के बीच चुनाव की सरगर्मियां भी छाई हुई है। इसी…

6 hours ago

मणिपुर में आफत-दर-आफत: हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में चक्रवात के कारण भीषण बाढ़, 2 की मौत, देखे तस्वीरे

मो0 कुमेल डेस्क: मणिपुर की राजधानी इंफाल और इसके आसपास के इलाके हाल के दिनों…

1 day ago

राहुल गांधी ने वीडियो जारी कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कहा ‘बब्बर शेर’, आखिरी मिनट तक पोलिंग बूथ पर नज़र रखने की दिया सलाह

तारिक़ खान डेस्क: लोकसभा चुनाव के आख़िरी चरण का प्रचार थमने के बाद कांग्रेस नेता…

1 day ago