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सूडान में एकतरफा सघर्ष विराम की घोषणा के दो घंटे बाद भी जारी है संघर्ष

शाहीन बनारसी

डेस्क: सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल ‘रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स’ यानी आरएसएफ के बीच 24 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा हो गई है। आरएसएफ़ ने एक ट्वीट में कहा है, “पूर्ण संघर्ष विराम के प्रति हम पूरी तर प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद करते हैं कि दूसरा पक्ष भी घोषित समय के मुताबिक संघर्ष विराम का पालन करेगा।” ये संघर्ष विराम भारतीय समयानुसार आज रात 9:30 से शुरू होने जा रहा है।

हालांकि अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि सेना इस संघर्ष विराम पर सहमत हुई है या नहीं। मंगलवार को दोनों पक्षों ने कहा था कि वे 24 घंटे के संघर्ष विराम का पालन करेंगे। इस संघर्ष विराम को स्थानीय समयानुसार इफ़्तार के तुरंत बाद शुरू होना था लेकिन भीषण लड़ाई जारी रही, ख़ासकर राजधानी ख़ार्तूम के केंद्र में स्थित सैन्य मुख्यालय के आस-पास। आरएसएफ़ ने कहा है कि शहर के बाहर सैन्य एयर बेस पर फंसे मिस्र के सैनिकों को वहां से हटाकर ख़ार्तूम शहर ले जाया गया है और वे सुरक्षित हैं। अनुकूल समय आने पर उन्हें मिस्र को सौंप दिया जाएगा।

ख़ार्तूम में लड़ाई का ये पांचवां दिन है और अबतक 200 लोगों की मौत हो चुकी है। लोग शहर छोड़ कर पलायन कर रहे हैं। इस बीच रूस की प्राइवेट आर्मी वागनर ग्रुप ने सूडान संकट में शामिल होने की बात से इनकार किया है। शहर के अधिकांश इलाकों में लोग अपने घरों में क़ैद हैं। इनमें कई विदेशी नागरिक भी हैं। भारतीय दूतावास ने कहा है कि सूडान में 181 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सूडान के अन्य पड़ोसी मुल्कों से बातचीत जारी है।

जर्मनी ने अपने क़रीब 150 नागरिकों को निकालने के लिए वायुसेना को आदेश दिया था लेकिन संघर्ष के तेज़ होने के कारण इस योजना को अभी स्थगित कर दिया गया है। लुफ़्तवाफ़े एयर फ़ोर्स ने इसके लिए तीन विमान भेज दिये थे लेकिन इस रेस्क्यू मिशन को बीच में ही रद्द करना पड़ा। तंजानिया के विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो अपने 200 नागरिकों को बाहर निकालने की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें 171 छात्र हैं। राजधानी के एक चर्च में रूसी महिला ने आश्रय ले रखा है जहां बिजली पानी नहीं है। उन्होंने बीबीसी को बताया कि शनिवार को ईस्टर सर्विस के बाद से ही वो अपनी सात साल की बेटी के साथ यहां फंसी हुई हैं।

मानवीय सहायता देने वाले समूहों ने कहा है कि सूडान में राहत पहुंचाना असंभव हो गया है। नार्वेजियन रिफ़्यूजी काउंसिल के प्रमुख जान एगलैंड ने कहा कि 1.58 करोड़ आबादी को इस समय मानवीय सहायता की सख़्त ज़रूरत है, लेकिन जब चारो ओर लड़ाई छिड़ी हो और एयरपोर्ट भी बंद हों तो सड़कों पर निकलना ख़तरे से कम नहीं। उन्होंने कहा कि उनके अधिकांश भंडार लूट लिए गए हैं और उनके चार सहयोगियों की मौत हो गई है। ख़ार्तूम में रेडक्रास को लगातार कॉल्स आ रहे हैं और सुरक्षित निकालने की लोग गुहार लगा रहे हैं। लेकिन रेड क्रॉस ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।

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