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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर जारी है सत्ता पक्ष और विपक्ष नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप, पढ़ें क्या रखा केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने अपना पक्ष

आफ़ताब फारुकी

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप जारी है। विपक्षी नेताओं के हमलावर रुख का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा, “कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? पंडित नेहरू को तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में एक पवित्र ‘सेंगोल’ दिया गया था, लेकिन इसे ‘चलने की छड़ी’ के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था। कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन एक एतिहासिक अवसर है जो 21वीं सदी में फिर नहीं आएगा। उन्होंने कहा, “28 मई को प्रधानमंत्री नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित कर भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में नया अध्याय जोड़ने जा रहे हैं। नया संसद भवन भारत के लोकतांत्रिक संकल्प के साथ 140 करोड़ भारतीयों के स्वाभिमान और उनकी आकांक्षाओं की भी अभिव्यक्ति है।”

विपक्ष से बहिष्कार ख़त्म करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, “हमें संवैधानिक सत्र और सार्वजनिक समारोह में अंतर समझना चाहिए। मैं आग्रह करूंगा कि जिन राजनीतिक दलों ने बहिष्कार का निर्णय लिया है वे अपने फैसले पर राजनीतिक लाभ-हानि से परे जाकर फिर विचार करें।”

विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने पर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने गुजरात में कहा, “मुझे लगता है कि संसद भवन का उद्घाटन लोकतंत्र का एक उत्सव है और हमें उसी तरह इसे लेना चाहिए। ये विवाद का विषय नहीं बनना चाहिए। अगर ये विवाद का विषय बनता है तो ये दुर्भाग्य है। कुछ लोगों की ये कोशिश चल रही है लेकिन हमें इस उत्सव को मिलकर मनाना चाहिए।”

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, “मैं नया संसद भवन देखने के लिए उत्साहित हूं। अभी तक नए संसद भवन को सिर्फ तस्वीरों में ही देखा है।।। सबको (विपक्षी दल) आना चाहिए। उन्होंने बिना वजह का विवाद पैदा किया हुआ है। जनता उनकी इस बात को स्वीकार नहीं करेगी।”

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने पुणे में कहा, “एनडीए सरकार ने निर्णय लिया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से होना चाहिए। पीएम मोदी के प्रयास से ही ये नया संसद भवन खड़ा हुआ है। विपक्ष को इस पर राजनीति करने की आवश्यकता नहीं थी। लोकतंत्र में ये ठीक नहीं है। विपक्ष के इस निर्णय का हम विरोध करते हैं।”

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