पीलीभीत प्रशासन ने मस्जिद में नमाज़ पर रोक लगाते हुवे जारी किया ध्वस्तीकरण नोटिस और कहा ‘1 मई तक दिखाए कागज़ और दे जवाब’, मस्जिद पर बिना नक्शा पास करवाए निर्माण का है आरोप

तारिक खान
डेस्क: पीलीभीत के सदर कोतवाली क्षेत्र के केजीएन कॉलोनी स्थित मस्जिद के ध्वस्तीकरण को लेकर प्रशासन की तरफ से धारा 10 के तहत नोटिस जारी किया गया, जिसका जवाब मस्जिद कमेटी को 1 मई तक देना होगा`। मस्जिद कमेटी पर आरोप है कि उन्होंने इसको बनवाने के लिए नक्शा पास नहीं कराया है`। शुक्रवार को पुलिस ने इस मस्जिद में जुमे की नमाज को रोक दिया था`। फिलहाल मस्जिद में नमाज़ पर रोक जारी है`।
पीलीभीत की सदर कोतवाली क्षेत्र के केजीएन कॉलोनी स्थित मुस्लिम बाहुल्य इलाके इस मस्जिद का निर्माण करीब 8 साल पहले किया गया था`। स्थानीय नागरिको की माने तो पहले यहाँ खुली जगह पर नमाज़ होती थी और पास में इसके एक मज़ार भी है`। इसके बाद लगभग 8 वर्ष पहले यहाँ मस्जिद की तामीर कर दी गई ताकि नमाज़ खुले में न हो`। इस मस्जिद के बनने के बाद से यहां पर लगातार पांचों वक्त की नमाज हो रही थी`। फिलहाल नोटिस मिलने के बाद नमाज पर पाबंदी लग गई है और यहाँ नमाज़ नहीं हो रही है`। जिससे नमाजियों को इबादत में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है`।
पीलीभीत में ध्वस्तीकरण नोटिस मिलने के बाद मस्जिद कमेटी के सदस्य आफाक अहमद ने मीडिया से बात करते हुवे कहा है कि जिस जगह मस्जिद है, उसके बराबर में पहले से मजार बनी हुई है`। लोग खुले में नमाज पढ़ते थे`। कुछ साल पहले वहां लिंटर डालकर मस्जिद बना दी गई है`। उन्होंने कहा कि मस्जिद के खिलाफ जिला प्रशासन ने नोटिस दिया है, इसलिए प्रशासन के आदेश का पालन किया जा रहा है और नोटिस का जल्द ही जवाब दिया जाएगा`। उन्होंने बताया कि मस्जिद में नमाज पर भी रोक लगा दी गई है`। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द प्रक्रिया सारी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद नमाज शुरू होगी`।
स्थानीय निवासी फैजान अली खान का कहना है कि नोटिस का जवाब जिला कमेटी देगी लेकिन ध्वस्ती कारण नहीं होगा, लेकिन नमाज को नहीं रोकना चाहिए था`। प्रशासन गलत कर रहा है`। प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी होने पर हिंदू संगठनों का भी बड़ा बयान सामने आया है`। हिंदू जागरण मंच के प्रदेश सदस्य यशवंत सिंह का कहना है कि मस्जिद बनते वक्त इसे रोकना चाहिए था और नक्शा बनवाना चाहिए था`। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने लापरवाही बरती है, ऐसे मामलों में हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा होता है`।