ईरान ने क़तर स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर किया मिसाइल हमला, बहरीन में भी लगातार बज रहे सायरन, अमेरिका के व्हाइट हाउस पर शुरू किया गया एयर डिफेन्स सिस्टम, देखे हमले की तस्वीरे और वीडियो

तारिक खान
डेस्क: ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं। इससे पहले क़तर में धमाके की ख़बरें सामने आई हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स और एएफ़पी की रिपोर्ट्स के मुताबिक़ क़तर में धमाके की आवाज़ें सुनी गई हैं। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा है कि व्हाइट हाउस और रक्षा मंत्रालय क़तर में अमेरिकी हवाई ठिकानों पर ख़तरे को समझता है और वो हालात पर नज़र बनाए हुए है।
वही मिल रही जानकारी के अनुसार क़तर में अमेरिकी डिफेंस सिस्टम का एक इंटरसेप्टर मिसाइल फेल हो गया। क़तर सरकार ने कहा है कि अब हालात काबू में हैं और डर की कोई बात नहीं रही। क़तर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि देश में सुरक्षा की स्थिति स्थिर है और चिंता करने की कोई वजह नहीं है। इस बयान में अफ़वाहों पर ध्यान न देने और ग़लत जानकारी से बचने को कहा गया है।
इससे पहले ईरान की न्यूज़ एजेंसी तस्नीम ने कहा है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने क़तर और इराक़ में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं। अमेरिका द्वारा ईरान पर किए गए हमलों के जवाब में, ईरानी पासदाराने इंकलाब ने कतर में स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे अल-उदीद एयरबेस पर शक्तिशाली मिसाइल हमला किया है। यह जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन बशारत अल-फतह’ के तहत की गई, जिसे ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने मंज़ूरी दी और ख़ातमुल अंबिया सेंट्रल कमांड ने नेतृत्व किया।
बयान में कहा गया: ‘अब मारकर भाग जाने का दौर खत्म हो गया है।’ कहा कि अगर हमले दोहराए गए, तो अमेरिका की पश्चिम एशिया में मौजूदगी का अंत और तेज़ी से होगा। आख़िर में यह भी चेतावनी दी गई कि आने वाले हमले सिर्फ अमेरिकी ठिकानों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि ‘ज़ायोनी हुकूमत’ यानी इसराइल के पतन की वजह भी बन सकते हैं। दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी इन हमलों की पुष्टि की है और कहा है कि ईरान की तरफ से अल उदैद एयर बेस पर छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों से हमला हुआ है।
क़तर की राजधानी दोहा के क़रीब मौजूद अल उदैद एयर बेस मध्य-पूर्व में अमेरिकी सेंट्रल कमांड के एयर ऑपरेशन्स का मुख्यालय है। इसमें क़रीब 8 हज़ार अमेरिकी सैनिक मौजूद होते हैं। इस एयर बेस के ज़रिए ब्रिटेन के सैनिकों का भी रोटेशन होता है। मौजूदा समय में यह एयर बेस इराक़ में अमेरिकी अभियानों के लिए हेडक्वार्टर का काम करता है और यह इलाक़े में अमेरिकी साजो सामान का केंद्र भी है। इस एयर बेस में खाड़ी के क्षेत्र की सबसे लंबी एयर लैंडिंग स्ट्रिप भी है। क़तर ने अमेरिका को साल 2000 में इस एयर बेस तक पहुंच दी थी। अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक़ अब तक इन हमलों में किसी के मारे जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है। उनके मुताबिक़ रक्षा अधिकारी अब भी हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और हमले के बारे में ज़्यादा जानकारी मिलने पर वो इसे साझा करेंगे।
बहरीन के गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश में सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया गया है और उनसे सुरक्षित ठिकानों में जाने को कहा गया है। सोशल मीडिया एक्स पर कई पोस्ट के ज़रिए मंत्रालय ने देश के लोगों से किसी इमारत या छत के नीचे शरण लेने को कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि जब तक ख़तरा न निकल जाए, लोग इसी तरह की सुरक्षित जगहों पर रहें। मंत्रालय ने तेज़ धमाकों के वक़्त लोगों से सावधानी बरतने को कहा है। क़तर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने सोशल मीडिया एक्स पर क़तर में अमेरिकी ठिकानों पर ईरानी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है, ‘हम इसे क़तर की संप्रभुता, उसके हवाई क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन मानते हैं।’
उन्होंने बताया कि क़तर के एयर डिफ़ेंस सिस्टम ने ‘हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर ईरानी मिसाइलों को रोक दिया।’ उनका कहना है कि अल उदीद एयर बेस को पहले ही खाली कर दिया गया था। उन्होंने दावा किया है कि इस हमले में न तो कोई मारा गया है और न ही घायल हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है, ‘क़तर इस बेशर्म आक्रामक रवैये के तरीके और इसके असर के मुताबिक़ जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।’ इससे पहले क़तर में धमाकों की आवाज़ें सुनी गई थीं।