मैनपुरी: फर्जी आर्मी सेंटर का पुलिस ने किया भंडाफोड़, सेना में भर्ती के नाम पर प्रशिक्षण केंद्र चला रहे थे, किया करोडो की ठगी

आफताब फारुकी

डेस्क: मैनपुरी में सर्विलांस टीम ने सेना में फर्जी भर्ती करने वाले सेंटर का भंडाफोड़ किया। सेंटर के संचालक और एक महिला असिस्टेंट को गिरफ्तार किया। गैंग युवाओं को सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था। पकड़े गए आरोपी के पास से यूनिफॉर्म, नकली एयर गन, फर्जी दस्तावेज के साथ अन्य सामान भी बरामद हुआ। आरोपी यूट्यूब के माध्यम से अपनी कंपनी का प्रचार-प्रसार करता था। आरोपी के पास से कई मंत्रालयों के प्रमाण पत्र भी बरामद हुए।

एसपी गणेश प्रसाद साहा ने बताया, ‘आरोपी फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चला रहे थे। युवाओं को आर्मी में भर्ती कराने का झांसा देकर 2-3 लाख रुपये वसूलते थे। बदले में सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाई जाती थी। आरोपी कई राज्यों से युवाओं को फर्जी ट्रेनिंग के नाम पर बुलाते थे। पकड़े गए आरोपी के ऊपर पहले से भी मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी कई प्रदेशों से फर्जी ट्रेनिंग करके युवाओं को नौकरी के नाम पर बुलाता था।

तेलंगाना-हरियाणा-राजस्थान-उत्तराखंड और उड़ीसा में सेंटर चलता था। मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम को एसपी ने 20 हजार रुपये का इनाम दिया। पूरा मामला थाना किशनी क्षेत्र के बिधूना चौराहा का है। शुरुआती जांच में सामने आया कि आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर सेंटर संचालक अरविंद पांडेय ने करीब 600 युवाओं से 18 करोड़ की ठगी की है।

आरोपी ने भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स (BPPF) और हिंदुस्तान रक्षा धर्म के नाम से दो ट्रेनिंग सेंटर खोल रखे थे। तेलंगाना से आए एक युवक और मैनपुरी के एक व्यक्ति की शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई की। दोनों ने अपनी शिकायत में बताया था कि अरविंद पांडे ने यूट्यूब और फर्जी विज्ञापनों के जरिए भरोसा जीतकर 3-4 लाख रुपये ले लिए। न तो नौकरी दिलवाई और न ही पैसे लौटा रहा है। पुलिस ने अरविंद और एक ट्रेनर को भी गिरफ्तार किया है।

किशनी थाना क्षेत्र में जटपुरा चौराहा पर करहल मार्ग पर डिग्री कॉलेज के सामने भारतीय पुलिस प्रोटेक्शन फोर्स और हिंदुस्तान रक्षा धर्म के नाम से करीब 30 बीघा क्षेत्र में ट्रेनिंग सेंटर चल रहे थे। यहां पर युवकों को सेना की ट्रेनिंग देने का झांसा देकर बुलाया जाता था। तेलंगाना निवासी अशोक पुत्र राजैया ने अपनी शिकायत में बताया कि 21 जून, 2024 को यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। वीडियो में सेना में भर्ती दिलाने का दावा किया गया था। उसने 6 युवकों को अरविंद पांडेय के किशनी स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर भेजा।

पीड़ित अशोक ने बताया कि तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद भी किसी युवक को नौकरी नहीं मिली। हर युवक से 2-3 लाख रुपये लिए गए। संचालक ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। थक-हारकर पुलिस की मदद ली। दूसरी शिकायत किशनी निवासी अनिरुद्ध दूबे ने दर्ज कराई। उन्होंने अपने भांजे अर्पित बाजपेई को सेना में भर्ती कराने के लिए 4 लाख रुपये दिए थे। भांजे को कहीं नौकरी नहीं दिलवाई गई। अरविंद पांडेय वर्दी पहनकर यूट्यूब पर फर्जी वीडियो बनाकर लोगों को गुमराह करता था। उत्तर प्रदेश के अलावा कई अन्य राज्यों में भी अपने ऑफिस चला रहा था।

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