श्रावस्ती में 27 मदरसों पर चलने को तैयार खड़े बुल्डोज़र को लगाया हाईकोर्ट ने पॉवर ब्रेक, मामले में मांगी गई जानकारी नहीं पेश कर पाए सरकारी वकील

तारिक खान

डेस्क: हाईकोर्ट इलाहाबाद की लखनऊ पीठ ने श्रावस्ती के 27 मदरसों पर चलने के लिए तैयार खड़े हुवे बुल्डोज़र पर पॉवर ब्रेक लगाते हुवे इनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने या इन्हें ढहाने पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की ग्रीष्मावकाश कालीन एकल पीठ ने यह अंतरिम आदेश मदरसों की ओर से दाखिल 27 याचिकाओं के समूह पर दिया है।

याचिका में मदरसों में धार्मिक शिक्षा बंद करने के एक मई को जारी नोटिसों को चुनौती दी गई थी। अधिवक्ता अविरल राज सिंह ने अदालत में कहा कि एक अन्य समान मामले में कोर्ट ने ऐसे मदरसों को राहत दी थी। ऐसे में इन मामलों में भी याचियों को अपना पक्ष पेश करने का मौका मिलना चाहिए था। लिहाजा इन्हें भी समान राहत प्रदान की जाए। वहीं, समय दिए जाने के बावजूद सरकारी वकील मामले में मांगी गई जानकारी नहीं पेश कर सके। उन्होंने इसके लिए दो हफ्ते का और समय देने का आग्रह किया।

कोर्ट ने कहा कि सभी नोटिसों का नंबर समान है और पहली नजर में ऐसा लगता है कि इन्हें बगैर दिमाग लगाए जारी किया गया है। ऐसे में यह दखल देने का मामला बनता है। कोर्ट ने मामले में सरकारी वकील को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय देकर अगली सुनवाई 3 जुलाई को तय की है। तब तक याचियों को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने या मदरसों को ढहाने पर रोक लगा दी।

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