वाराणसी: मोबाइल चोरी का यह सीसीटीवी फुटेज देख कर भी चौकी इंचार्ज ने नहीं दर्ज किया ऍफ़आईआर, पीड़ित ने लगाया पुलिस आयुक्त से गुहार, तब दर्ज हुई ऍफ़आईआर

शफी उस्मानी
वाराणसी: वाराणसी के विद्यापीठ स्थित चन्दुआ सट्टी पर सब्जी खरीदने के दरमियान हुई मोबाइल चोरी की एक घटना का वायरल होते वीडियो से सभी चौक पड़े है। मोबाइल चोरी की यह तरकीब देख कर खुद के सामान की सुरक्षा हेतु चौकन्ने होने की नसीहत मिलती है। साथ ही साथ पुलिस चौकी इंचार्ज की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल उठ रहा है।
पीड़ित का आरोप है कि घटना के बाद चोरी की तहरीर काशी विद्यापीठ चौकी इंचार्ज को देने पर वह पुरे दिन मोबाइल की गुमशुदगी दर्ज करवाने हेतु पीड़ित को प्रोत्साहित करते रहे। पीड़ित के आरोपों को आधार माने तो घटना की फुटेज वायरल होने के बाद जब चौकी इंचार्ज ने गंभीरता नहीं दिखाया और मामले में पीड़ित पर ही गुमशुदगी की तहरीर देने का दबाव बनाते रहे। जिसके बाद पीड़ित पुलिस आयुक्त के सामने पेश होकर घटना की के सम्बन्ध में जानकारी देते हुवे इन्साफ की गुहार लगाया।
उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद प्रकरण में ऍफ़आईआर दर्ज हुई है। घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार कल रविवार को सुबह मह्मूरगंज निवासी अंकित राय सब्जी खरीदने सिगरा थाना क्षेत्र के काशी विद्यापीठ पुलिस चौकी स्थित चन्दुआ सट्टी गए थे। बताते चले कि ताज़ी और सस्ती सब्जी के लिए चन्दुआ सट्टी वाराणसी की मशहूर मार्केट है। पीड़ित के अनुसार सब्जी खरीदने के दरमियान उनका मोबाइल जेब से गायब हो गया।
पीड़ित ने बताया कि आसपास तलाशने के बाद भी नहीं मिला तो उन्होंने अपने स्तर से दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे देखे। एक कैमरे में मोबाइल चोर कैद हो गया था। जब अंकित राय एक ठेले से सब्जी खरीद रहे थे उसी दरमियान एक युवक उनके बगल में आकर खड़ा हो जाता है। वीडियो में साफ़ नज़र आ रहा है कि कुछ देर युवक उनके बगल में खड़ा रहता है और इसी दरमियान वह अंकित राय का मोबाइल उनके जेब से निकाल लेता है, जिसका पता अंकित राय को नहीं चल पाता है। मोबाइल चोरी करने वाला युवक इसके बाद घटना स्थल से हट बढ़ जाता है।
पीड़ित अंकित राय ने इस सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस चौकी पर तहरीर देकर मामला दर्ज करने की गुहार लगाया। पीड़ित की माने तो चौकी इंचार्ज द्वारा जांच की बात कही जाती रही, मगर घटना के सम्बन्ध में उन्होंने तहरीर दर्ज करवाने हेतु कोई प्रयास नही किया। जिसके बाद आज पीड़ित पुलिस आयुक्त के पास अपनी गुहार लेकर पंहुचा। जहाँ जॉइंट पुलिस कमिश्नर ने घटना के सम्बन्ध में ऍफ़आईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
अब एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या स्थानीय चौकी इंचार्ज क्राइम ग्राफ कम करने के लिए होने वाली घटनाओं को ही पंजीकृत नहीं करवा कर क्राइम ग्राफ कम करने में लगे हुवे है। इस प्रकार का चोर जो इतने शातिराना तरीके से मोबाइल चोरी कर लेता है। वह अगर खुले में ऐसे ही घूमता रहता है और कोई सख्त कार्यवाही नही होती तो समाज में एक भय तो रहेगा ही। क्या चोरी जैसी छोटी घटनाओं में भी अब जब तक उच्चाधिकारी संज्ञान नही लेंगे तब तक मामला दर्ज नही होगा?