इसराइल हमास समझौता: येलो लाइन तक वापस गई इसराइल की सेना

फारुख हुसैन

इज़राइल और हमास के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद, इज़राइली सेना (IDF) ‘येलो लाइन’ तक वापस चली गई है। यह क़दम शांति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, लेकिन इसके बावजूद ज़मीनी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। ‘येलो लाइन’ उस निर्धारित सीमा को दर्शाती है जिसका उपयोग संघर्ष विराम के दौरान दोनों पक्ष अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए करते हैं। सेना के इस पीछे हटने से गाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता पहुँचाने के रास्ते खुल सकते हैं। यह समझौता दोनों पक्षों के लिए विश्वास बहाली का पहला कदम है। इस घटनाक्रम का क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर होगा? जानें पूरी ख़बर

डेस्क: इसराइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते के पहले चरण के तहत कार्रवाई शुरू हो गई है। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने बताया कि इसराइली सेना ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक सहमति बिंदु ‘येलो लाइन’ तक अपनी पहली चरण की वापसी पूरी कर ली है।

इसके साथ ही 72 घंटे की अवधि शुरू हो गई है, जिसके भीतर ग़ज़ा में बचे 48 इसराइली बंधकों को रिहा किया जाना है। इसराइल का अनुमान है कि इनमें से लगभग 20 लोग अभी जीवित हैं। समझौते के तहत इसराइल ने 250 फ़लस्तीनी क़ैदियों की सूची जारी की है, जिन्हें रिहा किया जाएगा। युद्धविराम लागू होने के बाद बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी लोग उत्तरी ग़ज़ा की ओर लौटने लगे हैं।

समझौते में यह भी तय हुआ है कि ग़ज़ा में बिना शर्त मानवीय सहायता भेजी जाएगी। हालांकि अब तक ट्रकों के प्रवेश को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अनुमान है कि प्रतिदिन लगभग 600 ट्रक ग़ज़ा में भेजे जाएंगे।…

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