मुंबई: ऑडिशन के नाम पर मासूमों को बंधक! कौन था वह ‘सनकी’ रोहित आर्य जिसने शहर को दहला दिया?

आदिल अहमद
मुंबई: मायानगरी मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक स्टूडियो में 17 मासूम बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बना लिया गया। यह घटना न सिर्फ डराने वाली थी, बल्कि इसने सपनों की नगरी में बच्चों को ऑडिशन के नाम पर होने वाले धोखे की कड़वी सच्चाई भी सामने ला दी। पुलिस की तत्परता से सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन सवाल यही है कि आखिर यह सनकी रोहित आर्य कौन था, और उसने ऐसा क्यों किया?
ऑडिशन का झांसा, फिर बंधक
यह घटना पवई के आर ए स्टूडियो की है। रोहित आर्य नाम का यह शख्स, जो खुद को यूट्यूबर और फिल्म से जुड़ा बताता था, पिछले कुछ दिनों से वेब सीरीज़ के ऑडिशन के नाम पर बच्चों को बुला रहा था। गुरुवार को करीब 100 बच्चे यहाँ पहुँचे थे, लेकिन उसने चालाकी से 80 बच्चों को वापस भेज दिया और 17 बच्चों, एक बुजुर्ग और एक अन्य शख्स को अंदर रोककर बंधक बना लिया।
बंधक बनाने की खबर जैसे ही फैली, बच्चों के माता-पिता घबराकर स्टूडियो के बाहर जमा हो गए। बच्चों को खिड़कियों से मदद के लिए झाँकते देख लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ऑपरेशन: ‘बाथरूम’ से रेस्क्यू
मुंबई पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मामले को बेहद संवेदनशीलता से लिया। त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) और वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत मोर्चा संभाला।
- खतरे की चेतावनी: रोहित आर्य ने अंदर से एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने अपनी ‘नैतिक माँगे’ पूरी न होने पर खुद को और बच्चों को नुकसान पहुँचाने की धमकी दी। उसके पास से एक एयरगन और कुछ संदिग्ध केमिकल भी बरामद हुए।
- सफल रेस्क्यू: मुख्य दरवाजे से घुसना जोखिम भरा था, इसलिए पुलिस ने बाथरूम के रास्ते चुपके से स्टूडियो में प्रवेश किया। करीब दो घंटे के साइलेंट ऑपरेशन के बाद पुलिस ने सभी 17 बच्चों को सकुशल बाहर निकाला।
- रोहित आर्य की मौत: पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी रोहित आर्य को गोली लगी और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। इस दौरान बंधकों में शामिल एक बुजुर्ग भी घायल हुए।
कौन था बच्चों को बंधक बनाने वाला ‘सनकी’ रोहित आर्य?
रोहित आर्य, पुणे का रहने वाला था, और वह खुद को एक यूट्यूबर और निर्माता बताता था। पुलिस की शुरुआती जांच में उसके इस खतरनाक कदम के पीछे का कारण चौंकाने वाला है:
- सरकारी टेंडर का विवाद: बताया जा रहा है कि रोहित आर्य को महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग से जुड़े एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर मिला था। उसका दावा था कि उसे इस प्रोजेक्ट का भुगतान नहीं मिला, जिसके चलते वह भारी आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से गुजर रहा था।
- ध्यान खींचने की कोशिश: पुलिस के अनुसार, पैसे न मिलने से निराश रोहित आर्य ने सरकार और संबंधित विभागों का ध्यान खींचने और बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए यह खतरनाक रास्ता चुना।
रोहित आर्य के इस कदम ने कई परिवारों की जान खतरे में डाल दी, लेकिन मुंबई पुलिस की बहादुरी और सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना हमें सिखाती है कि बच्चों को किसी भी ऑडिशन या एक्टिंग क्लास में भेजने से पहले स्टूडियो और आयोजक की पूरी तरह से जाँच करना कितना ज़रूरी है।










