रायबरेली लिंचिंग: ‘चोर’ के शक में दलित युवक हरिओम की पीट-पीटकर हत्या, क्या है पूरा मामला और अबतक की कार्रवाई?
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के ऊंचाहार में एक शर्मनाक और अमानवीय घटना सामने आई है। यहाँ हरिओम वाल्मीकि नामक एक दलित युवक को 'चोर' होने के शक में भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। बताया जाता है कि हरिओम अपनी ससुराल जा रहे थे, लेकिन 'ड्रोन चोर' की अफवाहों के चलते ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि किस क्रूरता से उन्हें लाठियों, डंडों और बेल्टों से मारा गया, और बाद में खंभे से बांधकर भी पीटा गया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे। अब तक पुलिस ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने की तैयारी है। इसके अलावा, मामले में लापरवाही बरतने पर एक कोतवाल समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है। यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सवाल है कि अफवाहों के चलते लोग किस हद तक क्रूर हो सकते हैं।

ईदुल अमीन
रायबरेली, उत्तर प्रदेश: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से एक बेहद शर्मनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ ऊंचाहार थाना क्षेत्र में, भीड़ ने हरिओम वाल्मीकि नामक एक दलित युवक को चोर समझकर बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। इस अमानवीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।
क्या है पूरा मामला?
- घटना की तारीख: 1 और 2 अक्टूबर, 2025 की दरमियानी रात को यह घटना ऊंचाहार के ईश्वरदासपुर और दंदूपुर जमुनापुर गांव के पास हुई।
- पीड़ित: मृतक का नाम हरिओम वाल्मीकि (40) था, जो फतेहपुर जिले का रहने वाला था और मजदूरी करता था। बताया जाता है कि वह अपनी ससुराल जा रहा था। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, हरिओम मानसिक रूप से भी कमज़ोर थे, जिसके कारण वह भीड़ के सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे पाए।
- आरोप: स्थानीय लोगों ने उन्हें ‘ड्रोन चोर’ होने के शक में पकड़ा। दरअसल, उस इलाके में “ड्रोन चोरों” की अफवाहें तेजी से फैल रही थीं। भीड़ ने हरिओम को लाठियों और बेल्टों से बुरी तरह पीटा।
- क्रूरता की हद: वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह भीड़ ने उन्हें घंटों तक पीटा, उनके गले पर पैर रखा गया। पिटाई से अधमरी हालत में उन्हें एक नहर के पास खंभे से बांधकर फिर मारा गया और अंत में रेलवे ट्रैक के पास फेंक दिया, जहाँ उनकी मौत हो गई।
पुलिस और प्रशासन का अबतक का एक्शन:
इस दिल दहला देने वाली घटना पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन सवाल पुलिस की शुरुआती लापरवाही पर भी उठे हैं।
- गिरफ्तारियां: पुलिस ने अब तक इस मामले में कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- पहले चरण में 5 आरोपी गिरफ्तार हुए: वैभव सिंह, विपिन कुमार, विजय मौर्य, सुरेश कुमार और सहदेव पासी।
- बाद में 4 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया: शिवप्रसाद अग्रहरि, लल्ली पासी, आशीष पासी और सुरेश गुप्ता।
- पुलिस ने वीडियो साक्ष्यों के आधार पर 10 से 15 अन्य संदिग्धों की पहचान की है और उनकी तलाश जारी है।
- सख्त कार्रवाई की तैयारी: रायबरेली के एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने घोषणा की है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) जैसी सख्त धाराएं लगाई जाएंगी।
- पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई: घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में ऊंचाहार कोतवाली प्रभारी संजय कुमार को हटाकर क्राइम ब्रांच भेज दिया गया है, जबकि हलका इंचार्ज (उप-निरीक्षक) कमल सिंह यादव और दो सिपाहियों प्रदीप कुमार और अभिषेक कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
- जातिगत एंगल पर स्पष्टीकरण: पुलिस ने साफ किया है कि यह हत्या चोर समझने की गलती के कारण हुई है, न कि जातिगत दुश्मनी की वजह से। एसपी ने लोगों से जातिगत अफवाहें न फैलाने की अपील की है और ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सियासत हुई तेज
इस घटना ने प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस सांसद और रायबरेली के नेता राहुल गांधी ने मृतक हरिओम के परिजनों से फोन पर बात कर दुःख व्यक्त किया और न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना को “इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या” करार देते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। हरिओम की पत्नी ने दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है, ताकि उनके पति को न्याय मिल सके।










