बदायूं में दलित दूल्हे की बारात पर हमला….! ‘ठाकुरों’ ने रोका, मारपीट और लूटपाट का आरोप; गाँव में तनाव

आदिल अहमद
PNN24 न्यूज़, बदायूं (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के सरौरा गांव से एक बेहद शर्मनाक और तनावपूर्ण घटना सामने आई है। यहाँ शनिवार देर रात एक दलित परिवार की बारात पर कथित तौर पर हमला किया गया और बारातियों के साथ जमकर मारपीट की गई। इस घटना के बाद गाँव में भारी तनाव का माहौल है और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
क्या है दलित परिवार का आरोप?
दूल्हे के परिवार का कहना है कि यह हमला जातिगत द्वेष का सीधा नतीजा है। उनके मुख्य आरोप ये हैं:
- बारात रोकना: दलित परिवार का आरोप है कि जब उनकी बारात गांव से गुज़र रही थी, तो गांव के ठाकुर समुदाय के कुछ लोगों ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया कि वे इस रास्ते से बैंड-बाजे के साथ नहीं गुज़र सकते।
- मारपीट और लूटपाट: आरोप है कि ठाकुर समुदाय के लोगों ने बारातियों के साथ बेरहमी से मारपीट की। दूल्हे के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में लूटपाट का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हमलावरों ने बारातियों से पैसे और जेवर छीन लिए।
- सदमे में परिवार: इस हमले के बाद शादी का माहौल पूरी तरह से मातम में बदल गया। परिवार सदमे में है और उसने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दूसरे पक्ष का क्या कहना है?
वहीं, इस मामले में ठाकुर समुदाय के लोगों का पक्ष बिल्कुल अलग है। उनका दावा है कि झगड़े की जड़ जाति नहीं, बल्कि डीजे की तेज़ आवाज़ और शराब पीने का मुद्दा था।
- डीजे और शराब: दूसरे पक्ष का कहना है कि बारात में बज रहे डीजे की आवाज़ बहुत तेज़ थी, जिससे उन्हें आपत्ति थी। साथ ही, उनका आरोप है कि बारात में कुछ लोग शराब पीकर हंगामा कर रहे थे, जिसके चलते बहस शुरू हुई और बात मारपीट तक पहुँच गई।
- जातिगत आरोप से इनकार: ठाकुर पक्ष ने दलितों को रास्ते पर रोकने या जातिगत भेदभाव करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
पुलिस कार्रवाई और गांव का हाल
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है:
- एफआईआर दर्ज: पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों को सुना है और क्रॉस-एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्य रूप से दलित परिवार की शिकायत के आधार पर मारपीट, लूटपाट और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- गिरफ्तारियां: पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
- तनावपूर्ण शांति: सरौरा गांव में अभी भी तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वरिष्ठ अधिकारी लगातार गांव में डेरा डाले हुए हैं।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में जातिगत भेदभाव और छोटी सी बात पर हिंसा के गंभीर मुद्दे को सामने ला दिया है। पुलिस का कहना है कि निष्पक्ष जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।










