बिहार में रु0 62,000 करोड़ का ‘बिजली घोटाला’! पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने लगाए गंभीर आरोप

निशा रोहतवी
PNN24 न्यूज़, पटना (बिहार)। बिहार की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है! पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता आरके सिंह ने बिहार की मौजूदा सरकार पर 62,000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले का सबसे गंभीर आरोप लगाया है। आरके सिंह, जो खुद भी केंद्रीय ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं, ने दावा किया है कि इस विशाल घोटाले में राज्य सरकार के मंत्री और वरिष्ठ पदाधिकारी सीधे तौर पर लिप्त हैं।
क्या है आरके सिंह का सनसनीखेज दावा?
आरके सिंह ने पटना में मीडिया के सामने आकर यह सनसनीखेज खुलासा किया। उनका कहना है कि यह घोटाला सिर्फ वित्तीय अनियमितता नहीं है, बल्कि जनता के पैसे की खुली लूट है।
- घोटाले की राशि: आरके सिंह ने दावा किया है कि घोटाले की राशि 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक है, जो बिहार जैसे गरीब राज्य के लिए एक बहुत बड़ी रकम है।
- लिप्तता का आरोप: उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि इस पूरे घोटाले में सरकार के ऊर्जा मंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और बिजली विभाग के पदाधिकारी शामिल हैं।
- कैसे हुआ घोटाला: आरोप है कि बिजली खरीद, वितरण और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में फर्जीवाड़ा किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
मांग: CBI जाँच और आपराधिक मुकदमा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
- CBI जाँच की मांग: आरके सिंह ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष सीबीआई (CBI) जाँच की मांग की है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके और घोटाले के पीछे के असली चेहरे बेनकाब हों।
- आपराधिक मुकदमा: उन्होंने यह भी मांग की है कि इस कथित घोटाले में शामिल सभी मंत्रियों और पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा (Criminal Case) दर्ज किया जाए, ताकि उन्हें कानूनी रूप से दंडित किया जा सके।
सियासी माहौल गर्म, क्या होगा सरकार का जवाब?
आरके सिंह का यह आरोप ऐसे समय में आया है जब बिहार में चुनाव का माहौल है, और इस दावे ने सियासी गर्मी को कई गुना बढ़ा दिया है।
- विपक्ष हमलावर: बीजेपी और अन्य विपक्षी दल अब इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हो गए हैं और सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
- सरकार पर दबाव: ₹62,000 करोड़ के इस बड़े आरोप ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर भारी दबाव बना दिया है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार सरकार और ऊर्जा विभाग इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे इस मामले की CBI जांच की मांग स्वीकार करते हैं या इसे सिरे से खारिज कर देते हैं।











