ED का चला बड़ा डंडा: अनिल अंबानी ग्रुप की 7,500 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति अटैच…!
आफताब फारुकी
PNN24 न्यूज़, नई दिल्ली। देश के कॉर्पोरेट जगत से एक बड़ी और चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप (R-ADAG) की 7,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों को अटैच (Attach) कर दिया है। यह कार्रवाई एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में की गई है और इससे देश के जाने-माने उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं।
क्या है पूरा मामला और क्यों हुआ एक्शन?
ईडी की यह बड़ी कार्रवाई उस मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जो एक बड़ी वित्तीय अनियमितता (financial irregularity) के संबंध में चल रही है।
- मूल मामला: यह मामला कथित तौर पर यस बैंक (Yes Bank) और अन्य संस्थाओं से जुड़े भारी-भरकम ऋणों (Loans) और उन ऋणों के पुनर्गठन (restructuring) से संबंधित है, जहाँ नियमों का उल्लंघन हुआ था।
- मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप: ईडी का आरोप है कि अनिल अंबानी समूह की कंपनियों ने अवैध तरीके से पैसे का लेन-देन किया और उस पैसे को गुमराह करने की कोशिश की, जिसे तकनीकी भाषा में मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है।
- अटैचमेंट की प्रक्रिया: ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की है। इस अधिनियम के तहत, जाँच के दौरान यह माना जाता है कि ये संपत्तियाँ अपराध से अर्जित की गई हैं, और उन्हें जब्त (अटैच) कर लिया जाता है ताकि जांच पूरी होने तक इन्हें बेचा या हस्तांतरित न किया जा सके।
किन संपत्तियों पर लगा ताला?
ईडी द्वारा अटैच की गई संपत्तियों का मूल्य 7,500 करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है। ये संपत्तियाँ मुख्य रूप से समूह की विभिन्न कंपनियों से संबंधित हैं।
- जब्त की गई संपत्तियों में रियल एस्टेट (Real Estate), विभिन्न कंपनियों के शेयर (Shares) और बैंक खातों में जमा रकम शामिल हो सकती है।
- इस कार्रवाई से अनिल अंबानी के व्यापारिक हितों को गहरा धक्का लगा है।
आगे क्या? कॉर्पोरेट जगत में चिंता
ईडी की इस कार्रवाई ने एक बार फिर कॉर्पोरेट ऋणों और बैंकों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- ग्रुप का रुख: रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, माना जा रहा है कि ग्रुप इस अटैचमेंट को कानूनी चुनौती देगा।
- बाजार पर असर: इतनी बड़ी संपत्ति के अटैच होने की खबर से शेयर बाजार में भी अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
ईडी का यह कड़ा कदम साफ दिखाता है कि देश में आर्थिक अपराधों के खिलाफ सरकारी एजेंसियाँ अब सख्ती बरत रही हैं, भले ही आरोपी कितना भी बड़ा क्यों न हो।












