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वेलेंटाइन डे को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह से जोड़ने वालो को आईना दिखता नीलोफर बानो का लेख

                   ★वैलेंटाइन डे को मन रहा विरोधी डे★
                   ★क्यों मन रहा वैलेंटाइन डे को विरोधी डे★
                       ★वैलेंटाइन डे का क्यों करें विरोध★
             ★कही भावनाओ को भड़काने की शातिर चाल तो नहीं यह विरोध★
              ◆◆नीलोफर की कलम से 14 फरवरी का सही तथ्य◆◆
14 फरवरी यानि वैलेंटाइन डे ये दिन प्रेमी युगलों का दिन होता है.इस दिन प्रेमी युगल अपने प्यार का इज़हार करते है.
7 फरवरी से शुरू होता हुआ ये सफ़र 14 फरवरी को खत्म होता है।
7 फरवरी को रोज डे,8 फरवरी को प्रपोज़ डे 9 को चॉकलेट डे 10 फरवरी को टेडी डे 11 को प्रॉमिस डे 12 को किस डे 13 को हग डे और 14 को वैलेंटाइन प्रेमी युगल का दिन,ये दिन संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है।

पर कुछ अराजक तत्वों ने भी 14 फरवरी को अपने सियासी खेल में शामिल कर लिया है देश के बहुत सारे संगठन वैलेंटाइन डे का विरोध करते है,कुछ लोग तो सोशल मीडिया पर वेलेंटाइन डे को शहीद ए आज़म भगत सिंह और राज गुरु सुखदेव से जोड़ते है।जब की हमारे वीर सपूतो का वैलेंटाइन डे से कुछ खास नाता नही है।
भारत के वीर सपूतों भगत सिंह सुखदेव और राज गुरु स्वतंत्रा संग्राम की लड़ाई में हँसते हँसते सूली पर चढ़ गए थे,भगत सिंह राज गुरु सुख देव को लाहौर षडयंत्र मामले में ट्रिब्यूनल कोर्ट ने 7 अक्टूबर 1930 को 300 पेज के जजमेंट पर आधारित तीनो को फाँसी की सजा सुनायी थी,और इसके साथ उनके 12 साथियों को उम्र कैद की सजा दी गयी थी।24 मार्च 1931 को फाँसी दी जानी थी।
लेकिन विशेष आदेश के अंतर्गत उन्हें 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फाँसी दे दी गयी।
14 फरवरी को बात बस इतनी सी है की भगत सिंह राज गुरु सुख देव की ज़िन्दगी में 14 फरवरी को प्रिविसी कॉउंसिल द्वारा अपील खारिज किये जाने के बाद कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय ने 14 फरवरी को 1931 को लॉड इरविन के समकक्ष दया याचिका दाखिल की थी जिसे बाद में खारिज कर दिया गया था।पर कुछ अराजक तत्वों ने तो जबरदस्ती इस दिन को हमारे वीर सपूतों के साथ जोड़कर देश में अराजकता फेलाना चाहते है देश की शांति को भंग करना चाहते है
क्या इन लोगों ने इतिहास में नही झाँका आखिर ये लोग क्यों उलजुलल बातें फेलाकर देश की जनता को बहका रहे है।हमारे वीर सपूतों के बलिदान को हत्यार बनाकर देश की भोली भाली जनता को भड़का रहे है।
क्या हम सब को इन अराजक तत्वों के खिलाफ कोई ठोस कदम नही उठाना चाहिए।
हमारे सपूतो का बलिदान तो देश के युवाओ में जोश भरता है।देश के लिए मर मिटने को उत्साहित करता है
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