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कानपुर – चुनाव आयोग का चला डंडा, मोस्‍ट वांटेड्स की अब खेर नहीं

समीर मिश्रा.

कानपुर. चुनाव की घोषणा होते ही पुलिस एक्शन में आ गई है। दस विधानसभा के वांटेड खूंखार अपराधियों की कुंडली पुलिस ने तैयार कर इन्हें अरेस्ट करने के लिए टीमें बना दी गई हैं। कैंट में 22, किदवई नगर में 22, घाटमपुर में 20, बिल्हौर में 12, बिठूर में 10, गोविन्द नगर में 12, सीसामऊ 10, कल्याणपुर में 10,महाराजपुर 8, आर्य नगर,8 क्रिमिनल हैं।
इनके ऊपर पांच से लेकर पचास हजार का इनाम है। साथ ही हत्या, रेप, लूट जैसे जघन्य वारदातों में यह सब कई सालों से फरार चल रहे हैं। इनमें से कईयों ने 2012और 2014 के चुनाव के दौरान मतदातों को डराया व धमकाया था। अतीक अहमद की विधानसभा में सबसे ज्यादा क्रिमिनल हैं, जिन पर पुलिस की नजर है। जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने एसएसपी के साथ बैठक कर इन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।
छावनी विधानसभा में 25 वांटेड
कानपुर जिले की दस विधानसभा क्षेत्रों में से सबसे ज्यादा खुंखार क्रिमिनल कैंट में है। 25 वांटेडों को धरदबोचने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। एसएसपी ने इन्हें अरेस्ट करने के लिए एसटीएफ को लगाया है। इनकी लोकेशन की पड़ताल एसटीएफ कर रही है। साथ ही स्थानीय पुलिस के मुखबिरों को भी लगाया गया है। पुलिस की लिस्ट में 25 क्रिमिनलों में से 20 शहर में एक्टिव हैं और वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। यह चुनाव में अपने सफेदपोशों को मदद कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें से कईयों के सिर पर नेताओं का हाथ था इसी के चलते पुलिस इन पर हाथ डालने से बचती आ रही थी, लेकिन चुनाव आयोग के डंडा चलने की वजह से यह अंडरग्राउंड हो गए हैं।

रहीस बनारसी की तलाश जुटी एसटीएफ

शहर का शार्प शूटर व पचास हजार रुपये का इनामी रहीस बनारसी एक साल से ज्यादा समय से शहर में मौजूद है। रहीस को अरेस्ट करने के लिए पूर्व एसएसपी शलभ माथुर ने कई बार खुद मौके पर जाकर दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। शहर की कमान थामते ही एसएसपी आकाश कुलहरि ने रहीस की हर मूमेंट पर नजर रखने के लिए पुलिस के तेज तर्राक अफसरों की टीम बनाई थी। आइपीएस रैंक की अगुवाई में टीम ने बनारसी के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ दबिश दी उसके गैंग के गुर्गों को भी उठाया लेकिन रहीस हाथ नहीं लगा। वाराणसी के तैनाती के दौरान का अनुभव पुलिस कप्तान आकाश कुल्हारी के काम आने की आशा थी मगर या शातिर अपराधी आज भी पकड़ से बाहर है. पुलिस के लिए चुनौती बना रहीस बनारसी अभी भी पुलिस के पकड़ से बाहर है. बताया जा रहा है कि शहर का डॉन मोनू पहाड़ी जेल से उसे बचाने में अहम रोल निभा रहा है, उसी के गुर्गे रहीस को संरक्षण दिए हुए हैं। साथ ही उसकी पकड़ यूपी के सत्ताधारियों से भी है जो उसे बचाते आ रहे हैं।
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