निर्वाचन प्रचार के लिए रिटर्निंग आफिसर्स से लेनी होगी अनुमति

नूर आलम वारसी 
बहराइच । विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 को स्वतन्त्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये जाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक अभ्यर्थी, रिटर्निग अधिकारी के समक्ष निर्वाचन प्रचार के लिए उसके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले वाहनों का विवरण रखेंगे। रिटर्निंग अधिकारी उसे उसी दिन प्रयोग करने के लिए परमिट जारी करेगा। सम्बन्धित रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त किया गया वाहन परमिट वाहन के आगे वाली स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। दुपहिया वाहन (मोटरबाइक, स्कूटर, मोपेड), साइकिल रिक्शा इत्यादि भी इन अनुदेशों के प्रयोजनार्थ वाहन माने जायेंगे तथा ऐसे मामले में परमिट मांगे जाने पर उसे दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा। आयोग द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुसार छाया प्रेक्षण रजिस्टर में शामिल करने के लिए विवरणों को लेखा टीमों को दिया जाएगा।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार यदि रिटर्निंग आफिसर की लिखित अनुमति के बिना ही प्रचार के लिए वाहन का प्रयोग किया जाता है तो इसे अभ्यर्थी के लिए अप्राधिकृत प्रचार माना जाएगा तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के दण्डात्मक प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी तथा ऐसे वाहनों को तत्काल प्रचार प्रक्रिया से बाहर किये जाने के साथ-साथ इस वाहन पर हुए व्यय को छाया प्रेक्षण रजिस्टर में जोड़ा जायेगा।
आयोग द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुसार रिटर्निंग आफिसर द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी यदि कोई अभ्यर्थी निरीक्षण के लिए अपने लेखे प्रस्तुत नहीं करता तो रिटर्निग अधिकारी, निर्वाचन के दौरान वाहन का प्रयोग करने की अनुमति तत्काल वापस ले लेगा तथा यह अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक अभ्यर्थी द्वारा निरीक्षण के लिए लेखे प्रस्तुत नहीं कर दिये जाते हैं।
यदि किसी विशेष अभ्यर्थी ने किसी वाहन के लिए अनुमति ली है और उसका प्रयोग किसी अन्य अभ्यर्थी द्वारा या दूसरे अभ्यर्थी के प्रचार प्रयोजनार्थ प्रयोग किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में वाहन को प्रदान की गयी अनुमति वापस ले ली जाएगी तथा उड़न दस्तों द्वारा वाहन का अधिग्रहण कर लिया जायेगा। इस सम्बन्ध में उड़न दस्तां द्वारा सहायक व्यय पेरक्षक को रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी ताकि उसके व्यय को उस अभ्यर्थी के खाते में डाला जा सके जो उस वाहन को वास्तव में प्रयोग कर रहे थे।
आयोग की ओर से यह भी व्यवस्था दी गयी है कि यदि कोई अभ्यर्थी, रिटर्निंग आफिसर से अनुमति लेने के पश्चात दो दिन से अधिक की समयावधि के लिए प्रचार-अभियान में लगाए वाहनों को प्रयोग मे नहीं लाते हैं तो, वे ऐसे वाहनों के लिए अनुमति वापस लेने के लिए रिटर्निंग अधिकारी को सूचित करेंगे। यदि, अभ्यर्थी अनुमति प्राप्त करने के पश्चात रिटर्निंग अधिकारी को प्रचार अभियान में लगाये गए ऐसे वाहनों की अनुमति को वापस लेने के लिए सूचित नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि अभ्यर्थी ने प्रचार-अभियान के उद्देश्य के लिए अनुमति प्राप्त वाहनों का प्रयोग किया है और तदनुसार ऐसे वाहनों के प्रयोग के लिए अधिसूचित दरो  के अनुसार यह व्यय उनके निर्वाचन व्यय के लेखांे में जोड़ा जाएगा। ऐसे अभ्यर्थियों के व्यय का लेखांकन करने के लिए रिटर्निंग आफिसर द्वारा ऐसे सभी वाहनों और अनुमति वापस लेने सम्बन्धी अनुरोधों का विवरण लेखांकन दल को उपलब्ध करायेंगे। 

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