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बिहार के चूहे बर्बादी में सबसे आगे, शराब गटकने के बाद कुतरी लाखों की रसीद

गोपाल जी 

बिहार में चूहों के मालखानों में रखे गये हजारों लीटर शराब गटकने के चुटकुले अभी लोगों के जेहन से हटे भी नहीं हैं, कि उनका एक दूसरा कारनामा सामने आया है. चूहों ने तंबाकू नियंत्रण के लिए छपवायी गयी पचास हजार रसीद को कुतर दिया है. जिलों में अधिकारियों के पास सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करनेवालों पर आर्थिक दंड के लिए रसीद भेजी गयी थी.

जिलों में पदाधिकारियों ने आर्थिक दंड के लिए रसीद काटी भी नहीं और वह सब चूहों की भेंट चढ़ गयी. हालात यह है कि नेशनल टूबैको कंट्रोल प्रोग्राम के तहत राज्य में सार्वजनिक स्थलों पर खुलेआम धूम्रपान रोकने की योजना है. इस कार्यक्रम की मॉनीटरिंग के लिए राज्यस्तरीय तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति का गठन प्रधान सचिव की अध्यक्षता में की गयी है. गंभीर मॉनीटरिंग के लिए हर तीन से छह माह के अंदर इसकी बैठक की जानी है. स्थिति यह है कि अक्तूबर 2015 के बाद इसकी एक भी बैठक आयोजित नहीं की गयी है. 21 सदस्यीय समिति द्वारा इसकी मॉनीटरिंग भी की जानी है.
हर जिले में तीन स्तरीय छापेमार दस्ता : राज्य में तंबाकू नियंत्रण को लेकर हर जिला में तीन स्तरीय छापामार दस्ता का गठन किया गया है. जिला स्तरीय छापामार दस्ता का गठन डीएसपी या एडीएम की अध्यक्षता में की गयी है. इसी तरह से अनुमंडल स्तर पर एसडीओ की अध्यक्षता में छापामार दस्ता गठित किया गया है. प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में छापामार दस्ता गठित है. इस दस्ते की जिम्मेवारी है कि वह सार्वजनिक स्थल पर होनेवाले धूम्रपान करनेवाले व्यक्ति पर एक रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है. इसके लिए सभी स्तर पर रसीद भेजी गयी है. हर जिलों को रसीद की 25 किताबें भेजी गयी. सूचना के मुताबिक अधिकतर जिलों में जुर्माना के लिए रखी गयी रसीदों को चूहों ने कतर दिया है. जिन जिलों को जुर्माना के लिए रसीद भेजी गयी है उसकी रिपोर्ट भी नहीं भेजी जा रही है.
10 जिले हैं धूम्रपान मुक्त घोषित
राजधानी पटना को सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है. इस अभियान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पटना के चौक-चौराहों, रेलवे स्टेशन सहित किसी भी जगह पर लोग खुलेआम धूम्रपान कर रहे हैं. इसी तरह से राज्य के कुल 10 जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया गया है जिसमें पटना के अलावा मुंगेर, दरभंगा, समस्तीपुर, कटिहार, मधेपुरा, लखीसराय, वैशाली, जहानाबाद और गोपालगंज को धूम्रपान मुक्त बना दिया गया है.
हर जिले को एनटीसीपी के तहत सलाना 38-42 लाख रुपये कार्यक्रम संचालित करने के लिए दिये जाते हैं. इसमें पांच लाख की राशि ट्रेनिंग के लिए, सात लाख की राशि स्कूली कार्यक्रम के लिए, सात लाख की राशि प्रचार-प्रसार के लिए, ढाई से तीन लाख आवश्यकतानुसार खर्च के लिए, सात लाख तंबाकू विमुक्ति केंद्र खोलने के लिए और करीब 10 लाख रुपये कर्मियों की नियुक्ति पर खर्च किये जाने हैं.
दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक शशिभूषण कुमार ने बताया कि राज्य के दर्जन भर जिले सार्वजनिक स्थलों पर होनेवाले धूम्रपान से मुक्त हो चुके हैं. धावा दल द्वारा कार्रवाई नहीं करने और रसीद को चूहों द्वारा कुतरे जाने पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर कार्रवाई की जायेगी. इसे जांच कराया जायेगा.
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