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नशा मुक्ति दिवस पर बताये नशे के दुष्प्रभाव.

लखीमपुर खीरी // सूड़ा

अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के मौके पर सशस्त्र सीमा बल ने सीमा पर बसे गांवों में एक बैठक का आयोजन कर नशे की बुराइयों को बताया और साथ ही नशे से होने वाली बुराइयों के बारे में सभी को जानकारी दी । इस मौके पर एसएसबी के असिटेंट कमान्डेट हरंवश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि नशा एक अभिशाप है यह एक ऐसी बुराई है जिससे इंसान का अनमोल जीवन  समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है नशे के लिये समाज में शराब, गांजा, भांग, अफिम, सहित चरस स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थो का उपयोग किया जाता है।

इन जहरीले और नशीले पदार्थो के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान होने के साथ साथ ही सामजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है। यह बात सूड़ा के महाराणा प्रताप स्कूल में एसएसबी के एएसआई तोता राम ने कही। उन्होने कहा की नशे के आदि व्यक्ति को हेय दृष्टि से देखा जाता है। नशा करने वाला अपने परिवार पर एक बोझ की तरह हो जाता है। साथ ही उन्होने बताया कि पडोसी देश नेपाल से आने वाले नशीले सामान के बारे में यदि किसी को कोई जानकारी मिलती है तो वह अपने पास के एसएसबी कैम्प में वह जानकारी साझा करें । जिससे दुसरे देशों से आने वाले नशे के कारोबार को रोका जा सके। गोष्ठी में मौजूद व्यापारी नेता शिशिर शुक्ला ने भी अपनी बात रखते हुये कहा कि भारत नेपाल सीमा पर तमाम तरह की गतिवाधियां होती रहती हैं, जिसके बारे में व्यापारीयों को यदि ग्राहको के जरिये कुछ जानकारी उपलब्ध होती है तो वह एसएसबी को देकर भी नशा मुक्ति अभियान का हिस्सा बन सकता है ।
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