मलेशिया के रक्षा मंत्री मोहम्मद साबू ने कहा है कि उनका देश यमनी जनता पर सऊदी अरब के जारी हमले से ख़ुद को अलग करने पर विचार कर रहा है। मलेशिया के रक्षा मंत्री ने बुधवार को “द मलेशियन इन्साइट” से इंटरव्यू में कहाः “हम यमन पर हमले में क्यों शामिल रहें जो एक इस्लामी राष्ट्र है? हम इस इस तरह के विवाद में शामिल नहीं होना चाहते।”
मोहम्मद साबू ने जो मात साबू के नाम से मशहूर हैं, कहा कि मलेशिया के शामिल होने की वजह से पश्चिम एशिया में उसकी छवि धूमिल हुयी और क्षेत्र में निष्पक्ष रहने की उसकी नीति को नुक़सान पहुंचा है। उन्होंने बल दिया कि मलेशिया ने कभी भी दुनिया की किसी भी सुपरपावर की राजनैतिक विचारधारा का साथ नहीं दिया है। सऊदी मीडिया ने मलेशिया का नाम उन 34 देशों में शामिल बताया है जो आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में आले सऊद शासन का साथ दे रहे हैं।
अप्रैल में मलेशिया की सेना की सऊदी अरब के दम्माम में “फ़ार्स खाड़ी शील्ड-1” अभ्यास में संयुक्त रूप से भाग लिया था।सऊदी अरब और उसके क्षेत्रीय घटक देश यूएई तथा बहरैन यमन पर 26 मार्च 2015 से अकारण ही हमले कर रहे हैं जिसमें अब तक दसियों हज़ार बेगुनाह हताहत व घायल हुए हैं, जबकि दसियों लाख विस्थापित हुए हैं। मलेशिया के रक्षा मंत्री का यह बयान, इस देश के मानवाधिकार संगठन “लॉयर्ज़ फ़ॉर लिबर्टी” की ओर से यमन के बंदरगाही शहर हुदैदा पर सऊदी अरब की अगुवाई वाले गठबंधन के अंधाधुंध निर्दयी हमले के मद्देनज़र, मलेशिया की सम्मिलिती को ख़त्म करने की मांग के बाद, सामने आया है।
तारिक़ आज़मी डेस्क: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक साक्षात्कार अचानक सुर्खियों में…
तारिक़ खान डेस्क: एक शक इंसान की ज़िन्दगी ही नहीं बल्कि पुरे परिवार को बर्बाद…
शहनवाज़ अहमद डेस्क: गाजीपुर में चुनावी बिगुल फुक चूका है। अंसारी परिवार का गढ़ माने…
मो0 कुमेल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के 'बुलडोज़र' वाले बयान पर…
ईदुल अमीन डेस्क: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा…
आफताब फारुकी डेस्क: दिल्ली के शास्त्री पार्क में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए…