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जहरीली शराब फैक्ट्री संचालक गिरफ्तार, पुलिस की गिरफ्त से चल रहा था फरार

सरताज खान

गाजियाबाद। लोनी में पांच दिन पूर्व पुलिस ने दो शराब फैक्टरियांं पकडी गई थी, लेकिन उक्त सरगना मौके से फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी पर 75 हजार रुपये का ईनाम घोषित था। आरोपी ने बताया कि वह नकली शराब तैयार कर गाजियाबाद जनपद के अलावा बागपत व बुलंदशहर जनपद में भी बेचता था। लोनी थाना प्रभारी उमेश पांडे ने बताया कि एक अक्टूबर की रात मुखबिर की सूचना पर नकली शराब फैक्ट्री संचालक रवि पुत्र सुरेन्द्र उर्फ ओमपाल निवासी डीएलएफ अंकुर विहार लोनी को वेगनआर कार के साथ गिरफ्तार किया गया है।

उसकी कार से सात पेटी नकली देशी शराब एवं शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाले केमिकल से भरी केन भी बरामद हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि 27 सितम्बर को हयात एंक्लेव एवं डीएलएफ अंकुर विहार कॉलोनी में दो नकली शराब बनाने की फैक्टरियां पकडी गईं थीं। जिनमें से भारी मात्रा में नकली देशी व अंग्रेजी शराब , शराब बनाने के केमिकल व उपकरण आदि बरामद हुए थे। दोनो ही फैक्टरियां उक्त पकड़े गए अभियुक्त रवि की थी। मौके से रवि के पिता सुरेन्द्र उर्फ ओमपाल व पार्टनर शोभाराम को गिरफ्तार किया गया था , लेकिन रवि मौके से फरार हो गया था। उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही थी। उसकी गिरफ्तारी पर एसएसपी गाजियाबाद ने 25 हजार तथा आईजी मेरठ ने 50 हजार रुपये के ईनाम की घोषणा की थी। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

बागपत एवं बुलंदशहर में भी बेची जाती थी नकली शराब

नकली फैक्ट्री संचालक रवि ने बताया कि वह नकली देशी व अंग्रेजी शराब तैयार कर लोनी के अलावा गाजियाबाद जनपद की विभिन्न कॉलोनियों एवं गांवों में शराब तस्करों को सप्लाई करता था। जबकि बागपत एवं बुलंदशहर जनपद के शराब माफिया भी उससे नकली शराब खरीदकर ले जाते थे।

आधे दाम पर बेची जाती थी नकली शराब

आरोपी रवि ने बताया कि नकली शराब की पेटी व 650 से 700 रुपये में बेचता था। शराब माफिया उसे दोगुने दाम पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाते थे।

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है नकली शराब

नकली देशी व अंग्रेली शराब ईथाइल एल्कोहल में एसेंस, कैरामिल एवं पानी मिलाकर तैयार की जाती थी। जिसका सेवन करने से सीधा किडनी व लीवर तो प्रभावित होते ही हैं, आंखों की रोशनी भी जाने की आशंका बनी रहती है। कई बार नकली शराब के सेवन से लोगों की मौत भी हो जाती है।

हरियाणा मार्का के नकली लेबल लगाए जाते है बोतलों पर

रवि ने बताया कि नकली शराब की बोतल अधिकांश प्लास्टिक की बोतलों में पैक की जाती है। बोतल पर विभिन्न ब्रांडों के नकली रैपर एवं होलोमार्क लगा दिए जाते हैं। जिन पर हरियाणा मार्का भी लिखा होता है। शराब खरीदने वाले हरियाणा की सस्ती शराब समझकर उसे हाथो हाथ खरीद लेते थे। जिसके चलते वह एक दिन में करीब डेढ सौ से भी अधिक नकली शराब की पेटियां तैयार कर सप्लाई कर देता था। जिससे उसे करीब 50 हजार रुपये प्रतिदिन की आमदनी हो जाती थी

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