आफताब फारुकी/आदिल अहमद
बुलंदशहर: हिंसा का दौर तो बुलंदशहर में अभी ख़त्म हो चूका है मगर देश की जनता को पुलिस जाँच के नतीजे का इंतज़ार हर मिनट है। सभी जानना चाहते है कि आखिर इमानदार इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली किसने मारी और मौके पर गोमांस कहा से आया। उत्तर प्रदेश एसटीऍफ़ को काफी मशक्कत के बाद अब जीतू हाथ लगा है। वैसे एसटीऍफ़ जीतू से लगातार पूछताछ कर रही थी। मगर सेना के अधिकारी बिना सबूत के जीतू को एसटीऍफ़ के हवाले करने को तैयार नही थे। इसके बाद सेना के अधिकारियो के साथ जीतू को मेरठ लाया जाता है जहा एसटीऍफ़ उन अधिकारियो को काफी सबूत दिखाते है।
सूत्रों से प्राप्त समाचारों के अनुसार एसटीएफ के सामने जितेंद्र फौजी ने स्वीकार किया है कि वो हिंसा वाले दिन गांव में ही था। पहले जब गांव में गौवंश के शव मिले तब भी वो वही था, उसके बाद वो भीड़ के साथ चिंगरावठी चौकी पहुंचा और हंगामा किया। एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें जितेंद्र ट्रैक्टर पर साफ नजर आ रहा है, उससे पूछताछ लगातार जारी है। सूत्रों की माने तो अभी तक की जांच में ये साफ नहीं हो पाया है कि जितेंद्र ने इंस्पेक्टर को गोली मारी या नहीं, पुलिस का कहना है जांच जारी है।
हिंसा के बाद ही जितेंद्र ने कश्मीर जाकर ड्यूटी जॉइन कर ली थी। एसटीएफ की टीम उसे लेने जम्मू-कश्मीर पहुंची और दो दिन तक आर्मी के अधिकारियों से उसे गिरफ्तार करने की बात चलती रही। शनिवार को सेना के दो अधिकारियों के साथ एसटीएफ की टीम जितेंद्र फौजी को लेकर मेरठ पहुंची, जहां रात तकरीबन आधी रात 12।50 बजे सेना ने जितेंद्र को एसटीएफ के हवाले कर दिया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को बुलंदशहर क्राइम ब्रांच ले जाया गया है।
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