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प्रमोद सावंत बने गोवा के नये मुख्यमंत्री, रात दो बजे हुआ शपथ ग्रहण समारोह

अनिला आज़मी

नई दिल्ली: तमाम अटकले थम गई और देर रात दो बजे गोवा को नया मुख्यमंत्री मिल गया। हालाकि इस नाम का चयन आज दोपहर बाद ही हो गया था। घोषणा भी शाम को हो गई थी की प्रमोद सावंत नए मुख्यमंत्री बनेगे। इसकी अन्य औपचारिकता को आज देर रात दो बजे पूरा करते हुवे उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाया गया है। इसके पहले आज कांग्रेस के विधायको ने राज्यपाल से भेट कर सरकार बनाने की बात कही थी।

इस सबके बीच आज प्रमोद सावंत ने रात 2 बजे राज्यभवन में आयोजित समारोह में पद और गोपनियता की शपथ ली। प्रमोद सावंत को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। उनके अलावा गोवा में दो डिप्टी सीएम भी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री के साथ-साथ 11 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली है। शपथ समारोह से पहले प्रमोद सावंत ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है उसे निभाने की मेरी पूरी कोशिश रहेगी। मैं जो भी कुछ हूं मनोहर पर्रिकर की वजह से ही हूं।

घटक दलों की नाराज़गी को ध्यान में रखते हुवे भाजपा ने उपमुख्यमंत्री का कार्ड खेला है। एमजीपी के सुदिन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के रविवार को हुए निधन के बाद से यह पद खाली था। बताते चले कि मनोहर पर्रिकर कैंसर की बीमारी से जूझते हुए 63 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया था। उनको अग्नाशय कैंसर था। मनोहर पर्रिकर गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें भाजपा के साथ गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल रहे। बताया जाता है कि गोवा विधानसभा के अध्यक्ष प्रमोद सावंत मनोहर पर्रिकर के बेहद करीबी हैं।

हकीकी ज़मीन पर अगर देखा जाए तो प्रमोद सावंत के नाम को लेकर सहयोगी दलों ने जबर्दस्त सौदेबाजी किया। इसका नतीजा यह है कि बीजेपी की सहयोगी पार्टियों महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के नेता सुदीन धवलिकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई उपमुख्यमंत्री बनाए गए है। हालांकि इससे पहले दिन भर सियासी ड्रामा होता रहा। एक तरफ मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार हो रहा था तो दूसरी तरफ कुर्सी को लेकर उठापटक चलती रही। कांग्रेस ने मनोहर पर्रिकर के निधन से पहले और मृत्यु की खबर आते ही राज्य में सरकार बनाने का दावा ठोक दिया। आज कांग्रेस विधायक राज्यपाल से मिल भी आए। वे सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। इतनी देर रात शपथ ग्रहण समारोह पर भी सियासत गर्म होने की पूरी उम्मीद है। संख्या बल अगर सिद्ध करना हुआ भाजपा को तो इसके लिए उसको एक अग्नि परीक्षा देना होगा।

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