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भाजपा विधायक के कार्यकर्ताओ से हुई पुलिस की नोकझोक तो धरने पर बैठ गये विधायक जी, जनता को हुई समस्या उनके ठेंगे पर

फारूख हुसैन

लखीमपुर खीरी। जिसको हम चुनते है वही हमको धुनते है। शायद शब्द कड़वा लगे तो लीजिये साहब इसको हम थोडा और तहजीब की भाषा में बदल देते है। हमारे लिये वो वीआईपी हो जाता है जिसको हम अपने मतों का दान देते है। मेरे दान को लेकर वही शख्स मेरे लिये ही वीआईपी हो जाता है। फिर वो हमको हो रही समस्याओं के उलट अपने कार्यकर्ताओ को तरजीह देता है। भले उसके कार्यकर्ता पुलिस से नोकझोक करे मगर वह उनके साथ खड़ा रहता है। इसको कहते है जिसको हम चुनते है वही हमको धुनते है। आज का ये मामला भी उसी तरह है। विधायक जी जाम लगा बैठे। शादी करने जा रहा दूल्हा खुद उतर कर बरातियो सहित पैदल चला जाये, अथवा कोई एम्बुलेंस घंटो हूटर बजाती रहे और फिर बाद में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किसी अन्य मार्ग का चयन कर ले। मगर विधायक जी जाम नही खोलेगे तो नही खोलेगे। उनके कार्यकर्ताओ की बेईज्ज़ती हो गई है। उनकी पुलिस से नोकझोक हो गई है। फिर जनता की फिक्र नही है। ताज़ा मामला भी कुछ इसी तरह हुआ। एक बार फिर अपने कार्यकर्ताओ के लिये विधायक जी ने बवाल काट दिया। जनता परेशान है तो होने दो की तर्ज पर।

लखीमपुर खीरी सदर बीजेपी विधायक योगेश वर्मा अपनी सरकार की पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गये। मामला था पुलिस ने उनके कार्यकर्ता की पिटाई कर दिया था, मामला शहर की एलआरपी चौकी पर लगे जाम के चलते पुलिस ओर कार्यकर्ता के बीच हाथापाई हो गई। फिर क्या था नाराज विधायक कार्यकर्ताओ संग धरने पर बैठे गये और पुलिस मुर्दाबाद के लगने लगे। कई घण्टे बाद  जिलाधिकारी के मान मनौवल पर उठे विधायक गुस्साए समर्थकों ने हाइवे जाम कर दिया, जिसके चलते दोनों ओर से ल॔बा जाम लग गया।

जाम में कई एम्बुलेंस भी फंसी रहीं और तो और एक बेचारे दूल्हे के संग कई बारातियों को भी गेस्ट हाउस तक पैदल जाना पड़ा उधर रोडवेज बसों में यात्री भी फसे रहे। सदर विधायक योगेश वर्मा के साथ समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल कर पुलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाने लगे। विधायक  सदर कोतवाल समेत चौकी प्रभारी को हटाए जाने के अड़ गये और यह बवाल रात 10 बजे से सुबह 3 बजे तक चलता रहा। देखा जाये तो सदर विधायक योगेश वर्मा का अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना कोई नई बात नही है। इसे पुर्व भी कई बार अपने कार्यकर्ताओं के लिए यु ही धरने पर बैठ जाते है। जिसके चलते आम लोगो को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम समेत सीओ धरने को समाप्त करने को लेकर काफी दार तक तक  जद्दोजहद करते रहे। परंतु सदर विधायक को नहीं मानना था तो वो नहीं माने।

हारकर रात दस बजे से शुरु हुवे प्रदर्शन के आगे जिला प्रशासन को नतमस्तक होना पड़ा। पांच घन्टे बाद प्रदर्शन स्थल पर पहुचे जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक पूनम ने विधायक से वार्ता की जिसके बाद एलआरपी चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर हुवे और सदर कोतवाल डीपी तिवारी को भी लाइन हाज़िर करना पड़ा। रात 3 बजे विधायक जी का धरना ख़त्म हुआ। धरने के बाद जिला अधिकारी पुलिस अधीक्षक पूनम की मौजूदगी  में लंबा जाम खोला गया तो आमजन ने चैन की सांस ली।

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