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देखे वीडियो – गौमांस के आरोप पर सरे राह माब-लीचिंग, पुलिस ने मामूली मारपीट की धाराओ में किया मुकदमा दर्ज, मध्य प्रदेश पुलिस की भूमिका पर संदेह

तारिक आज़मी

सिवनी: माब लीचिंग देश में एक बड़े अपराध की तरह बढ़ता जा रहा है। 2014 के बाद से देश के अलग अलग शहरों में माब लीचिंग की खबरे आ रही है। दहशत का माहोल बना कर किसी भी मुस्लिम पर गोमांस का आरोप लगा कर भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेकर उनकी बीच सड़क पर पिटाई करने और कही कही तो जान से मार देने की घटनाये प्रकाश में आई है। भले ही माब लीचिंग की घटनाओं पर जितने बयान विरोध में आये, मगर आरोपियों के हुवे महिमा मंडन ने माब लीचर के हौसले बुलंद कर रखे है। यही नही स्थानीय प्रशासन की नज़र में माब लीचिंग कोई बड़ी घटना नही होती है और माब लीचर्स को मारपीट की मामूली धाराओ में बुक कर दिया जाता है। ऐसा मैं नही कह रहा हु बल्कि कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार और उसकी पुलिस की सोच है।

मौजूदा घटना मध्यप्रदेश के सिवनी की है। जहा गोरक्षा की आड़ में गोरक्षकों की गुंडागर्दी का कथित वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में गोरक्षक एक महिला समेत तीन लोगों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं। ये वीडियो डूंडा सिवनी इलाके का है। दो दिन पहले कथित गोरक्षकों ने एक ऑटो में संदिग्ध मांस मिलने की सूचना मिलने पर तीनों को पकड़ा और इस बात की सूचना पुलिस को देने की बजाय खुद ही गुंडागर्दी दिखाते हुए ऑटो में बैठी एक महिला और दो युवकों को बंधक बना कर लाठियों और डंडो से पीटना शुरू कर दिया। इस बेरहमी की हद तब हो गई जब महिला को उसी युवक से चप्पल से पिटवाया गया और तीनों से जय श्री राम के नारे लगाने पर मजबूर किया गया।

सबसे बड़ा अचम्भा शायद आपको हो मगर हमको नही है। क्योकि हम उस समाज में रह रहे है जहा देर रात घंटो तक दिल्ली में दामिनी निर्वस्त्र सड़क पर पड़ी रहती है और हज़ारो लोग उसको अनदेखा करके चले जाते है। ये वही लोग थे कि जब मामला गर्म हुआ तो इनमे से कुछ मोमबत्तिया हाथो में लेकर सडको पर आंसू बहाने भी निकले होंगे। इस घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों ने भी इस बात की सूचना पुलिस को देना भी जरूरी नहीं समझा और सभी तमाशबीन बने रहे।

वही मामले में अपना ब्यान देते हुवे इलाके के एसपी ललित शाक्यवार का कहना है कि वीडियो 4 दिन पुराना है, इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तारी हो गई है जिन्हें अदालत ने जेल भेज दिया है। एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसे आज अदालत के सामने पेश किया जाएगा। वीडियो में गले में गमछा बांधे हुए जिस शख्स की पिटाई हो रही है, उसका नाम दिलीप मालवीय है और उस पर पहले भी गो-तस्करी के आरोप लगे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद दिलीप की बहन ने एफआईआर दर्ज कराई है। कुल 4 लोगों की पिटाई हुई है, जिसमें गोमांस तस्करी का मुख्य आरोपी हिन्दू है, बाकी तीन मुस्लिम हैं। इस मामले में एडीशनल एसपी गोपाल खंडेल ने कहा, ’22 मई को डूडा सिवनी थाना प्रभारी को सूचना मिली थी कि दिलीप मालवीय और अन्य लोग पशु मांस ले जा रहे हैं, इस पर थाना प्रभारी ने अपने स्टाफ के साथ उनको घेराबंदी कर पकड़ा था और उनके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की थी। इसके बाद अगले दिन एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें जो आरोपी पकड़े गये थे उनके खिलाफ मारपीट दिख रही थी। यह घटना संज्ञान में आने पर फौरन आरोपियों की पहचान करके उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया और अब सभी 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। इसमें मारपीट की धारा 323, 294, 506, 341 और 147 में कार्रवाई की जा रही है। मांस को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब हैदराबाद भेजा गया है, जांच के बाद पता लगेगा कि मांस किस चीज का है।’

अब आप गोपाल खंदले साहब के बयान को ही देख ले। इनके अनुसार संदिग्ध मांस तस्करी में गिरफ्तारी हुई वह भी घेरे बंदी करके हुई। कमाल है साहब कैसी घेरेबंदी किया था कमलनाथ सरकार की पुलिस ने कि उनकी घेरेबंदी में लोगो के साथ मोब्लीचिंग होती है और साहब को पता ही नही चलता है। अपनी मनमर्जी के खुलासे करने वाली मध्य प्रदेश की पुलिस ने शायद इसको सपने में भी नही सोचा होगा कि मोबलीचिंग के आरोपियों द्वारा खुद घटना का वीडियो वायरल कर दिया जायेगे। वीडियो वायरल होने पर एक मांस तस्करी के आरोपी की बहन ने उठा कर शिकायत दर्ज करवाई तो कमलनाथ सरकार के पुलिस की आँख खुली। थाना गहरी नीद से जागा और फिर कार्यवाही की खानापूर्ति पूरी हुई, पुलिस ने 323 (मारपीट) 294 (अश्लील कार्य और गाने), 506 (धमकाना), 341 (सदोष अवरोध के लिए दण्ड), और 147 (बल्वा करना) जैसी मामूली मारपीट की धाराओ में बुक कर दिया है। आप कथित वीडियो में देख सकते है कि मारपीट के दौरान जमकर गालिया दिया जा रहा है, मगर पुलिस को प्रेक्टिकल ये नही दिखाई दिया है। जबकि वास्तविकता है कि किसी भी मारपीट में लोग गालियों की झड़ी लगा देते है।

कांग्रेस वैसे तो मुस्लिम समाज को लुभाने के लिए जमकर इस माब लीचिंग का विरोध करती है। मात्र चार सालो का रिकार्ड अगर देखे तो देश में लगभग 134 ऐसे मामले छोटे बड़े प्रकाश में आये है। जिसमे कई को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। कैराना से लेकर बुलंदशहर तक के मामले आपको याद होगे। अब जब कांग्रेस का राज खुद मध्य प्रदेश के अन्दर है तो फिर कांग्रेस इसके खिलाफ स्टैंड कब खोल रही है। या फिर अपनी सरकार के गलत कामो पर नज़र नहीं पड़ती है कांग्रेस की। मामले के बाद भले इस वीडियो को फेस बुक से डिलीट कर दिया गया है। मगर इसको बड़े गर्व के साथ शुभम सिंह हिन्दू नाम की एक फेसबुक प्रोफाइल से अपलोड किया गया था। यदि उस प्रोफाइल पर नज़र डाले तो जमकर हेटस्पीच का प्रयोग किया गया है। मगर सरकार के नज़र में शायद अपराध नही है।

एक बार फिर कहना चाहता हु कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर घटना पर नज़र रखे ये बात इमानदारी की नही है। सच कहा जाए तो संभव ही नही है। राज्य सरकार की अपनी ज़िम्मेदारी कानून व्यवस्था की होती है। अब कमलनाथ सरकार का अगला कदम इस मोब्लीचिंग पर क्या होगा देखने वाली बात है। सत्ता से बाहर बैठ कर दूसरो पर आरोप लगाना बहुत आसान काम होता है। खुद अब जब कमलनाथ सत्ता सुख भोग रहे है तो इस घटना की ज़िम्मेदारी वो कहा तक लेते है ये सोचनीय विषय है।

Disclaimer :- समाचार और लेख में प्रदर्शित वीडियो के सत्यता की पुष्टि PNN24 न्यूज़ नही करता है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।

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