प्रो. वीरभद्र मिश्र अंन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार 2019 की घोषणा

विकास राय

4 जून शाम 6 बजे तुलसीघाट पर होगा कार्यक्रम, प्रो. इंद्रमणि मिश्रा व सू लिनोक्स को मिलेगा अलंकरण

वाराणसी। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर संकटमोचन फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाले प्रो. वीरभद्र मिश्र अंन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार 2019 की घोषणा कर दी गई है। इसका औपचारिक घोषणा फाउंडेशन के अध्यक्ष व संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि इस बार का यह पुरस्कार दो उन गंगाप्रेमियों को दिया जा रहा है जिनका जीवन गंगा के लिए समर्पित रहा। भारत से प्रो. ‘इंद्रमणि मिश्रा’ और गंगा से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक नदियों का संरक्षण कर रही ओज ग्रीन ऑफ ऑस्ट्रेलिया की ‘सू लिनोक्स’ को दिया जाएगा।

इंद्रमणि मिश्रा का परिचय

जौनपुर के प्रो. इंद्रमणि मिश्रा अपने संघर्षों के दिन से लेकर अब तक लगातार पर्यावरण को लेकर कार्य रहे है। 1978 में जब वह आईआईटी रुड़की गये उस दिनों वह तत्कालीन महंत प्रो. वीरभद्र मिश्र के संपर्क में आ चुके थे।उन दिनों एमटेक (दो वर्षीय कार्यक्रम) औद्योगिक पर्यावरण नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जिसे बाद में विश्वविद्यालय अनुदान का भी सहयोग मिला। उसी दौरान इन्होंने गंगाप्रेमी स्व. जी.डी. अग्रवाल के साथ कई कार्यक्रम कर चुके थे। वर्तमान समय में आईआईटी (आईएसएम) में केमिकल इंजिनियर के पद पर कार्यरत है। प्रो. मिश्र गंगा-गोमती सहित कई नदियों के जल का परीक्षण करते रहे है।

सू लिनोक्स का संक्षिप्त परिचय

ओज ग्रीन ऑफ ऑस्ट्रेलिया की संस्थापिका ‘सू लिनोक्स’ संकटमोचन फाउंडेशन के संपर्क में आने के बाद वह गंगा को ही अपना जीवन मान बैठी। प्रो. वीरभद्र मिश्र को अपना गुरु मानने वाली सू लिनोक्स वर्ष में एक महीना काशी प्रवास कर गंगा जल का परीक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई काम करने लगी। सू लिनोक्स देश भर की नदियों को संरक्षित करने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रयासरत रही। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया में ‘ओज ग्रीन’ नाम से संस्था बनाकर वह विदेश में भी गंगा जी के प्रति लोगों को जागरूक करती रही है।

इन्हें मिल चुका है पुरस्कार

प्रो. वीरभद्र मिश्र अंन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार से आईटी बीएचयू के पूर्व डीन व संकटमोचन फाउंडेशन के गंगा निर्मलीकरण प्रोजेक्ट के निर्माता प्रो.निखिलेश राय, अमेरिका की फ्रेंड्स ऑफ गैंजेज की संस्थापक फ्रैंन पी वी, लोककवि व साहित्याकर पं. हरिराम द्विवेदी, 1989 से लेकर कई बार काशी के मिनी सदन पहुँचने वाले प्रख्यात नेता स्व. देवदत्त तिवारी, पूर्व सभासद स्व. नारायण मिश्र , प्रो. शांतनु मिश्रा व प्रो. एन.एन उपाध्याय।

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