आफताब फारुकी
नई दिल्ली: राफेल मामले देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा है कि इन पुनर्विचार याचिकाओं के खारिज होने के बाद भी सीबीआई शिकायतकर्ता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच कर सकती है क्योंकि यह संज्ञेयनीय अपराध दिखाई देता है। लेकिन इसके लिए एजेंसी को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 17 के तहत सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। पुनर्विचार याचिकाओं का खारिज होना सीबीआई की जांच के बीच में नहीं आएगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने ललिता कुमारी मामले में एक फैसले का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि संज्ञेय अपराध होने का खुलासा होने पर प्राथमिकी आवश्यक है। ‘पीठ ने कहा था कि सवाल यह है कि आप ललिता कुमारी फैसले का पालन करने के लिए बाध्य हैं या नहीं।’ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा था कि प्रथम दृष्टया एक मामला होना चाहिए, अन्यथा वे (एजेंसियां) आगे नहीं बढ़ सकतीं। सूचना में संज्ञेय अपराध का खुलासा होना चाहिए।
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