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विपक्ष का मिला समर्थन, प्रधानमन्त्री के जन्मदिवस पर युवाओं और छात्रो ने मनाया बेरोज़गारी दिवस, ट्वीटर पर चले कई बेरोज़गारी से सम्बंधित हैश टैग

जीशान अली

कानपुर। 17 सितंबर, गुरूवार को वैसे तो देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 70वां जन्मदिन बनाया गया है। लेकिन इसी मौक़े पर देश के अलग-अलग हिस्सों से बेरोज़गार युवाओं ने राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस भी मनाया। देश के युवाओं के इस प्रदर्शन को प्रमुख विपक्षी दलों का समर्थन भी हासिल था, कई जगहों पर छात्र युवाओं के इस प्रदर्शन में विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं-नेताओं को भी शामिल देखा गया। इस दरमियान ट्वीटर पर कई हैश टैग भी चले। ये हैस टैग जमकर ट्रेंड भी किये है। जिसने प्रमुख रूप से #NationalUnemploymentDay , #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस , #17Baje17Minute रहे। सभी में लाखो की संख्या में ट्वीट हुवे।

राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि पिछले छह साल में युवा शक्ति को रोज़गार के नाम पर सिर्फ़ झूठे आश्वासन मिले हैं। इससे पहले नौ सितंबर को देश के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं ने रात नौ बजकर नौ मिनट पर टॉर्च, मोबाइल फ़्लैश और दिए जलाकर सांकेतिक रूप से अपना विरोध ज़ाहिर किया था।

बिहार के अलग-अलग हिस्सों मे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बेरोजग़ार दिवस मनाया गया। मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल ने अपने नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत के शोक के चलते बेरोज़गार दिवस को लेकर कोई आयोजन नहीं किया। लेकिन इससे पहले नेता प्रतिपक्ष बुधवार को तेजस्वी यादव ने बयान जारी करके नीतीश सरकार से सवाल किया कि 15 साल में उन्होंने युवाओं के रोज़गार के लिये क्या किया?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हज़ारों छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालय और बालसन चौराहे के पास प्रदर्शन किया। युवा मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में आम प्रतियोगी छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार की कथित युवा विरोधी नीतियों, 5 साल की संविदा और रोज़गार के मसले को लेकर प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जमकर नारेबाज़ी की और प्रदर्शन किया। प्रयागराज में कुछ प्रतियोगी छात्रों ने इस मौक़े पर बेरोज़गार केक काटकर प्रधानमंत्री का जन्म दिन मनाया।

वहीं समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने रिक्शा चलाकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की शोध छात्रा नेहा यादव कंधे पर अपनी डिग्रियों की तख़्ती लटकाए रिक्शा चलाकर प्रदर्शन कर रही थीं। कहने लगीं, “डिग्रीधारी छात्रों को नौकरियों में आने से रोका जा रहा है, हर सरकारी संस्था निजी क्षेत्र को बेच दी जा रही है और जब युवा अपना अधिकार मांगने सड़कों पर उतरते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है, मारा जाता है और उनके ख़िलाफ़ संगीन धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाता है। समझ में नहीं आता कि इस सरकार को युवाओं से इतनी नफ़रत क्यों है?”

लखनऊ में समाजवादी युवजन सभा के अलावा, एनएसयूआई और आम आदमी पार्टी के युवा विंग ने भी प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के छात्रों ने हज़रगंज चौराहे पर जाम लगा दिया जिसे हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। लखनऊ में कई जगह राष्ट्रीय बेरोज़गार दिवस से संबंधित होर्डिंग्स भी लगाई गई थीं जिन्हें पुलिस ने उतार दिया।

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