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गैस रिफलिंग का वीडियो वायरल होने के बाद नींद से जागी जैतपुरा के सरैया चौकी की पुलिस, 104 सिलेंडर बरामद, अधूरे रहे सवाल

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। जैतपुरा थानान्तर्गत सरैया स्थित इमामबाड़ा के मैदान में सटर के अंदर निवास कर रहे  एक व्यक्ति काफी दिनों से अवैध गैस रिफिलिंग का गोरख धंधा कर रहा था। इस क्रम में कल सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद इस प्रकरण का संज्ञान जब उच्चाधिकारियों को हुआ तब जाकर सरैया पुलिस नींद से जागी और छापेमारी की कार्यवाही करके भारी संख्या में गैस सिलेंडरों को बरामद किया। पहले आपको पुलिस की प्रेस नोट में जारी बयान से रूबरू करवाते है फिर अनटोल्ड स्टोरी बताते है।

पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार मुखबिर के सूचना पर  पुलिस ने गोरख धंधा का भंडाफोड़ किया। पुलिस के छापेमारी मे बड़े और छोटा 104 गैस सिलेंडर मौके से बरामद हुआ। पुलिस ने बताया सरैया इमामबाड़ा स्थित इकराम नामक व्यक्ति गैस रिफिलिंग का कार्य चोरी-छिपे कर रहा था  मुखबिर से सूचना प्राप्त हुआ जिला अधिकारी के आदेश पर एक टीम गठित कर सरैया इमामबाड़ा भेजा गया। टीम में जिला पूर्ति अधिकारी दीपक कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी पृथ्वीराज, सप्लाई इंचार्ज श्याम मोहन के अलावा क्षेत्राधिकारी  चेतगंज, जैतपुरा थाना प्रभारी शशि भूषण राय, एसआई दयाशंकर यादव का0 राकेश राय के  साथ भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही।
अधिकारियों ने बताया इकराम नामक व्यक्ति बहुत दिनों से गैस रिफिलिंग का कार्य कर रहा है। जिसमें हम लोग को सूचना प्राप्त हुई जिलाधिकारी के आदेश अनुसार तीन जगहो पर छापेमारी की गई ।सिर्फ सरैया में  कामयाबी हासील हुआ ।इसमें 104 छोटे-बड़े गैस सिलेंडर के अलावा बड़े गैस से छोटे गैस सिलेंडर में भरने का उपकरण भी बरामद हुआ।
क्या है अनटोल्ड स्टोरी
पुलिस ने जारी किए गए बयान में भले ही मुखबिर की सूचना का ज़िक्र किया हो। मगर हकीकत ये है कि वीडियो वायरल होने के बाद उच्चाधिकारियों को इस गोरखधंधे के सम्बंध में जानकारी मिली। स्थानीय पुलिस अपने प्रेस नोट में खुद कह रही है कि कई वर्षों से ये गोरखधंधा चल रहा था। तो कैसे संभव है कि पुलिस चौकी के चन्द कदमो पर होता कारोबार पुलिस की जानकारी में नही रह होगा।
लंबे समय से राकेश राय किसी न किसी तरीके से इस चौकी पर बने हुवे है। राकेश राय के जानकारी में मामला न हो ये असंभव सा प्रतीत होता है। क्षेत्रीय चर्चाओं के अनुसार खुद राकेश राय इस दुकान पर अक्सर आते जाते थे। फिर किस तरीके से उनको इस सम्बंध में जानकारी नही थी ये एक बड़ा सवाल है।
अब सवाल तो ये भी एक खड़ा होता है कि सालों से हो रहे कारोबार का पता स्थानीय पुलिस को नही था जबकि सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में साफ तौर पर कई ऑटो रिक्शा लाइन लगा कर गैस भरवाते दिखाई दे रहे है। क्या स्थानीय पुलिस को इसके बाद भी शक नही हुआ कि ये ऑटो वाले रोज़ यहां लाइन क्यो लगाते है ? साफ जाहिर है कि या तो ऑटो वाले पेट्रोल ले रहे होंगे या फिर गैस। तो क्या पुलिस की नज़र तब भी नही गई ? जिस मुखबिर की सूचना आज मिलने की बात हो रही है वह मुखबिर तंत्र आखिर सालों से कहा था इस गोरखधंधे के लिये ?
बहरहाल, फिलहाल जिस कारोबारी की बात हो रही है वह अभी पुलिस पकड़ से दूर है। वही पुलिस सिलेंडरों को जब्त करके आगे की कार्यवाही में जुटी है। स्थानीय चौकी की पुलिस खुद की तारीफ खुद करती दिखाई दे रही है वही क्षेत्र में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।
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