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पुलिस कप्तान आजमगढ़ का क्या ये नया है फरमान? दूध मांगो खीर देंगे, इन्साफ मांगोगे थप्पड़ देंगे

तारिक़ आज़मी संग शाहीन बनारसी

इन्साफ की जंग इतनी आसान नहीं होती है साहब। यहां इन्साफ पाने के लिए कभी कबार लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ती है। थाना, कोर्ट, कचहरी करते-करते उम्र गुजर जाती है, फिर इन्साफ मिलने की बात होती है। बात सामने आती है,  अब तो इन्साफ के इस ज़द्दोज़हद में आपने अगर सडको पर अधिकारियों से इन्साफ माँगा तो अधिकारी से बीच सड़क पर केवल ज़लील ही नहीं होने पड़ेगा बल्कि थप्पड़ भी खाना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, घंटो तक कार्यालय में बंदी की तरह बैठे भी रहना पड़ सकता है। ये इंसाफ की जंग है, ऐसे ही थोड़े न मिल जायेगा इन्साफ। इसको पाने के लिए इतना भोगना पड़ सकता है। इसका जीता-जागता उदहारण आज आजमगढ़ में देखने को मिला। जब परिवार की मासूम बच्ची की कथित रेप और मौत का इन्साफ मांगने के लिए परिजन आजमगढ़ के पुलिस कप्तान से मिले तो उनको यह सब कुछ झेलना पड़ा।

मामला कुछ इस तरह का है कि आजमगढ़ जिले के रौनापार थाना के एक गाव में 10 साल की मासूम बच्ची की इलाज के दौरान पिछले दिनों मौत हो गयी थी। परिजनों का आरोप है कि उस मासूम बच्ची के साथ 8 अक्टूबर की रात रेप की घटना हुई थी। जिसके बाद से उसे चक्रपाणीपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहाँ इलाज के दौरान उस मासूम बच्ची की मौत हो गयी। परिजनों का कहना है कि मामले में उन्होंने रौनापार थाने को लिखित शिकायत दिया था, जिसे स्थानीय पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। इससे नाराज़ होकर परिजन पुलिस कप्तान आज़मगढ़ सुधीर कुमार सिंह से मिले और प्रकरण के सम्बन्ध में उनको अवगत कराया।

एसपी से मुलाक़ात करने पीड़ित परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी आये थे। बताया जा रहा है कि जब पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह अपने कार्यालय से निकलकर जाने लगे तो इसी दरमियान एक युवक उनकी गाडी के आगे लेट गया। ये बात कप्तान साहब को नागवार गुजरी और वह गाडी से उतर आये और ग्रामीणों की जमकर क्लास लगायी। इस दौरान उन्होंने गाडी के आगे लेटे युवक को थप्पड़ भी रसीद कर दिया। इसके बाद उस युवक को कप्तान साहब के कार्यालय में बतौर हिरासत पकड़ कर बिठा लिया गया। घटना से सम्बंधित वीडियो चंद मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल होने लग गया। जिसके बाद हिरासत में रखे गये युवक को पुलिस ने छोड़ दिया।

क्या कहते है पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह

युवक की कप्तान द्वारा पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा कि “रौनापार थाने के लोग जन सुनवाई के दौरान मिले थे, उनके प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई के दौरान मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया। बाहर निकलने पर युवक गाडी के सामने लेट गया। उसके साथ के लोगो ने पत्थर भी चलाए। युवक को हिरासत में लिया गया था, जिसे समझाकर छोड़ दिया गया। इस प्रकरण में राजनैतिक दलों के लोग राजनीत कर रहे है।”

कप्तान साहब ने जो बयान दिया, हम उसको समझ सकते है। आखिर कप्तान साहब की गाडी के आगे आकर रोकने की हिम्मत की कैसे। इन्साफ माँगना है तो इन्साफ मांगो। ऐसे कैसे आकर के इन्साफ चाहिए। आखिर कप्तान साहब की गाडी है, कोई मामूली बात थोड़ी ही है। ऐसे ही आकर गाडी के आगे लेट जायेंगे। कप्तान साहब, आप एकदम सही कह रहे है, ये थप्पड़तंत्र का वीडियो जो है सब बकवास है, झूठा है वीडियो, केवल बदनाम करने की राजनैतिक साजिश होगी। कप्तान साहब ने कह दिया कि युवक को थप्पड़ नहीं मारा गया, तो वही बात सच है। वो जो आपको थप्पड़ समझ आ रहा है वो दरअसल फुल है, थप्पड़ थोड़ी न है।

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