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गुजरात: ज़हरीली शराब से अब तक 23 लोगो की हुई मौतें, 40 से ज्यादा गंभीर, हिरासत में संदिग्ध तस्कर

यश कुमार

गुजरात: गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 40 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने संदिग्ध शराब तस्करों को हिरासत में ले लिया है। मुख्य आरोपी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि शराब फैक्ट्री में मेथनॉल की आपूर्ति की जा रही थी। ये केमिकल अहमदाबाद से सीधे सप्लाई किया जाता था। वहीं घटना को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री वीनू मोरदिया ने कहा कि दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बताते चले कि  जहरीली शराब की यह घटना बोटाद जिले के रोजिद गांव की है। रविवार 24 जुलाई कीदेर रात गांव के कुछ लोगों ने जहरीली शराब पी ली थी। सोमवार सुबह सभी को पेट में दर्द और उल्टियांहोने लगीं। यह देख सभी के परिवार के लोग उन्हें अस्पताल ले गए। दो लोगों की अस्पताल पहुंचते ही मौतहो गई थी। इसके बाद इलाज के दौरान सोमवार रात तक 10 लोगों दम तोड़ दिया। आज सुबह यह आंकाड़ा23 तक पहुंच गया है। 40 से ज्यादा लोग गंभीर बताए जा रहे हैं।

वहीं इस घटना से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच हुआ है। गुजरात सरकार भी सकते में है कि आखिर ये शराब आई कहां से। सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने जांच के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच सौंपी है। एसआईटी की शुरुआती जांच में पता चला है कि रोजिंद, अणीयाणी, आकरु, चंदरवा और उंचडी गांव के लोग इसकी चपेट में आए हैं।

गुजरात में शराब का ये कोई पहला मामला नहीं है। एक दिन पहले बीजेपी जिलाध्यक्ष की शराब के नशे में कार्यक्रम में पहुंचने की बात सामने आई थी। कांग्रेस नेता ने बीजेपी जिलाध्यक्ष का वीडियो भी शेयर किया था। मामला सामने आने के बाद बीजेपी जिलाध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया था। बताते चले कि गुजरात में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। तमाम पार्टियां इन दिनों पूरी तरह से एक्टिव हैं। ऐसे में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का मामला बीजेपी के लिए गले की फांस बन सकता है। यह मामला विपक्ष द्वारा चुनाव में मुद्दा बनाकर उछाला जा सकता है।

वहीं मीडिया से बातचीत में बोटाद जिले के प्रभारी मंत्री वीनू मरोदिया ने कहा कि शराब की यह घटना दुखद है। सरकार ने इसकी एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि, गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी लागू है। 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और कठोर कर दिया था। इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति अवैध तरीके से शराब को बेचता है तो उसको 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना भरना पड़ा सकता है।

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