Bihar

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने अकूत सम्पत्ति अर्जित करने का लगाया आरसीपी सिंह पर आरोप, जाच की किया मांग, विपक्ष को मिला मुद्दा

अनिल कुमार

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह से अकूत संपत्ति अर्जित करने का मामला में स्पष्टीकरण मांगा है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अपने द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में पूछा है कि 2013-22 तक जो अचल सम्पत्ति का निबंधन कराया गया है उसमें कई प्रकार की अनियमितता नजर आ रही है।

विदित है कि आरसीपी सिंह ने 2013 में नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंडों जिसमें अस्थावां और इस्लामपुर में लगभग 40 बीघा जमीन खरीदा था। जिसका वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में शपथ पत्र में जिक्र तक नहीं किया। आरसीपी सिंह ने 2013-16 में इस्लामपुर अंचल के केलवा अंचल में 12 फ्लैट और सैफाबाद में 12 फ्लैट अपने दोनों बेटियों लिपि सिंह और लता सिंह के नाम से खरीदी गई थी। सबसे हास्यास्पद स्थिति यह है कि बहुत जमीन तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के तरह गिफ्ट में भी आरसीपी परिवार को मिला है।

अब मामला ये है कि जिस लालू परिवार पर सुशासन बाबू भ्रष्टाचार को लेकर आए दिन अपने प्रवक्ताओं से हमला करवाते थे और अब उन्हीं के एक समय पार्टी के नंबर दो का नेता इतना संपत्ति कैसे अर्जित कर लिया लोग अब सवाल इस पर उठा रहे है कि अगर आरसीपी सिंह ने 2016 में अपने चुनावी शपथपत्र में इस संपत्तियों का जिक्र तक नहीं किया था तो कैसे सुशासन बाबू ऐसे भ्रष्ट नेता के नामांकन पत्र दाखिल करने में शामिल होते थे।

गौरतलब हो कि आरसीपी सिंह और सुशासन बाबू की दोस्ती बहुत पुरानी तथा गहरी रही है। शुरू में एनडीए के सत्ता में आने पर आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार ने बिहार का मुख्य सचिव तक बना रखा था। इसके बाद आरसीपी सिंह के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद तुरंत जदयू ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया। असल में यह लड़ाई जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच केंद्र में मंत्री बनने को लेकर हुई और उस समय सुशासन बाबू ने आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए हुए था। इस कारण आरसीपी ने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कैबिनेट मंत्री केंद्र के एनडीए सरकार में बन गए और ललन सिंह यह सब देखते हुए रह गए और आरसीपी सिंह को मंत्री बनना ललन सिंह बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्हीं के कहने पर सुशासन बाबू ने आरसीपी का इस बार राज्यसभा का टिकट काट दिया।

अब सियासी जानकार अटकले लगा रहे है कि आरसीपी सिंह का  संपत्ति की जांच अगर केंद्रीय एजेंसी करती है तो यह तय है कि यह जांच की आंच सुशासन बाबू तक जरूर पहुंच जाएगी। भाजपा और बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को बैठे बैठाए एक अच्छा मुद्दा मिल गया है। ध्यान देने वाली बात अब ये है कि आज जो जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है, यही आरसीपी सिंह के बदौलत यह उमेश कुशवाहा राज्य के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे।

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