यश कुमार
सूरत: गुजरात हाई कोर्ट में आज आखिर मोराबी नगर पालिका ने यह बात स्वीकार किया कि मोराबी पुल हादसे की ज़िम्मेदारी उसकी है और उस पुल को खोलना ही नही चाहिए थे। मोरबी नगर पालिका ने आज गुजरात उच्च न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल करके यह बात स्वीकार किया है।
गौरतलब है कि 30 अक्टूबर को मोरबी में पुल गिरने से 140 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुवे मामले में सुनवाई जारी कर दिया था। बताते चले कि अदालत ने कम से कम छह विभागों से इस दुर्घटना के लिए जवाब मांगा था।
मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति आशुतोष जे शास्त्री इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। मंगलवार को अदालत ने 150 साल पुराने पुल के रखरखाव के लिए जिस तरीके से ठेका दिया गया, उस पर सीधा जवाब मांगा था। गुजरात उच्च न्यायालय ने पुल के मरम्मत का ठेका देने के तरीके की आलोचना भी की थी।
इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने कल दो नोटिसों के बावजूद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी को लेकर मोरबी नगरपालिका को चेतावनी दी थी। अदालत ने कहा था, “कल आप स्मार्ट तरीके से काम कर रहे थे, अब आप मामले को हल्के में ले रहे हैं। इसलिए, या तो आज शाम तक अपना जवाब दाखिल करें, या 1 लाख रुपये का जुर्माना अदा करें।”
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