तौसीफ अहमद
हाथरस: खुबसूरत मौसम और सुहावने मौसम उनके लिए होते है जो घर में बैठे गरम चाय और पकौड़े के साथ मौसम का आनंद लेते है। यह सुहावने मौसम और बूंदाबांदी तो आफत का सबब उन किसानो के लिए बनते है जिनको अपना फसल बर्बाद होने का डर सताता है। घने काले बादल छाते ही अन्नदाता चिंताओं में घिर जाता है।
बारिश से गेहूं की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ेगा। गुणवत्ता प्रभावित होने पर उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा। अधिक बारिश होने पर फसल सड़ने का डर है। इस समय गेहूं की फसल तैयार हो चुकी है। अगर अब बारिश हुई तो फसल खराब हो जाएगी। इससे काफी नुकसान हो जाएगा। अधिक बारिश होती है तो फसल के सड़ने का डर है।
मो0 कुमेल डेस्क: कानपुर में एक छात्र की बर्बर पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर…
अनुराग पाण्डेय डेस्क: अफसाना, सौरभ के इश्क में आस्था बन गई थी। अफसाना से आस्था…
आफताब फारुकी डेस्क: ग़ज़ा में बंधक बनाए गए इसराइली लोगों की रिहाई के लिए हज़ारों…
आदिल अहमद डेस्क: तेलंगाना के आदिलाबाद में भाषण देते हुए अमित शाह ने एक बार…
ईदुल अमीन डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी साक्षात्कार में दावा किया…
शफी उस्मानी डेस्क: सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर प्रधानमंत्री…