ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने सोशल मीडिया पर पत्र जारी कर किया सीजेआई से अपील, काशी के मंदिरों से जुड़े विवादों को निपटारे हेतु बने स्पेशल कोर्ट, ओमकारलेश्वर, कृत्तिवासेश्वर, लाट और धरहरा के एएसआई सर्वे की मांग

शाहीन बनारसी

वाराणसी: ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने आज सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी कर भारत के लोगों से अपील की है कि हमारे इस पत्र याचिका को सोशल मीडिया के द्वारा चीफ जस्टिस को अवगत कराएं। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने पत्र याचिका में मांग किया है कि काशी के मंदिरों सम्बन्धित विवादों को निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट का निर्माण कर डेली हियरिंग के तहत मामलो का निस्तारण किया जाए। इस पत्र याचिका में वाराणसी के चार स्थलों का एएसआई सर्वे करवाने की मांग किया जा रहा है।

महापरिषद ने इस पत्र के मध्यम से वाराणसी के ओंकारेश्वर (ओमकार्लेश्वर महादेव), कृत्तिवासेश्वर महादेव, लाट सरैया (लाट भैरव) और मस्जिद बिंदु माधव का धरहरा (बिंदु माधव) विवाद को सुलझाने की बात कही है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार महापरिषद द्वारा कुल 1 लाख सनातनियों के हस्ताक्षर कराकर यह मांग पत्र सुप्रीम कोर्ट को सौपने की बात कही जा रही है। वहीं, ज्ञानवापी मुक्ति अभियान में अब तक ढाई लाख लोगों ने हिस्सेदारी होने का दावा किया जा रहा है।

दैनिक भास्कर ने महापरिषद के अध्यक्ष पंडित शिवकुमार शुक्ल से हुई वार्ता को प्रकाशित करते हुवे कहा कि हिंदू समाज को जगाने के लिए ऐसे कई इवेंट्स किए जा रहे हैं। काशी में आतंकी मानसिकता के आक्रांताओं द्वारा तोड़े गए मंदिरों का पुनरोद्धार कराना है। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार लॉ ऑफ जस्टिस को जस्टिफाई करने के लिए ऐसी पत्र याचिकाओं को स्वीकार किया है। मुख्य न्यायाधीश आस्थावान हिंदू समाज के आराध्य स्थलों के साथ ऐतिहासिक क्रूरता और बर्बरता का संज्ञान लेते हुए न्याय के लिए जरूरी कार्यवाही करेंगे। ऐसा सभी आस्थावान सनातनियों को विश्वास है।

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