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इलेक्ट्रोल बांड प्रकरण: एड0 प्रशांत भूषण ने उठाया मेघा इंजीनियरिंग को लेकर गम्भीर सवाल, कहा 100 करोड़ का इलेक्ट्रोल बांड खरीदने के बाद 14,400 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है? किसको दिया बांड ?

तारिक़ खान

डेस्क: भारतीय निर्वाचन आयोग ने गुरुवार शाम इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा जारी कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक ने भारत की सर्वोच्च अदालत के आदेशानुसार 12 मार्च को ही निर्वाचन आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा दे दिया था। इस डेटा का विश्लेषण जारी है। लेकिन अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, बीजेपी सबसे ज़्यादा चंदा हासिल करने वाली पार्टी बनकर सामने आई है।

चुनाव आयोग के जानकारी जारी करने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली दूसरे नंबर पर रहे मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ़्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को लेकर सवाल किए हैं। प्रशांत भूषण ने ट्वीट में कहा है, ‘11 अप्रैल 2023 को मेघा इंजीनियरिंग ने 100 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड किसको दिए? लेकिन एक महीने के अंदर ही उसे बीजेपी की महाराष्ट्र सरकार से 14,400 करोड़ रुपये कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है। हालांकि, एसबीआई ने इस जानकारी में बॉन्ड के नंबर छिपा लिए हैं लेकिन फिर भी कुछ डोनर और पार्टियों के मिलान कर के एक अनुमान लगाया जा सकता है। ज़्यादातार चंदे ‘एक हाथ दे, दूसरे हाथ ले’ जैसे लग रहे हैं।’

मेघा इंजीनियरिंग को लेकर अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स भी सवाल कर रहे हैं। एक एक्स यूज़र ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संसद में दिए एक बयान का वीडियो शेयर किया है। इसमें वह मेघा इंजीनियरिंग की सराहना करते हुए सुनाई दे रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया कि मेघा इंजीनियरिंग हैदराबाद की कंपनी है।

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुडी जानकारी को दो हिस्सों में जारी किया गया है। पहले हिस्से में 336 पन्नों में उन कंपनियों के नाम हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदा है और उसकी राशि की जानकारी भी दी गई है। जबकि दूसरे हिस्से में 426 पन्नों में राजनीतिक दलों के नाम हैं और उन्होंने कब कितनी राशि के इलेक्टोरल बॉन्ड कैश कराए उसकी विस्तृत जानकारी है। यह जानकारी 12 अप्रैल, 2019 से 11 जनवरी, 2024 के बीच की है।

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड की ख़रीद से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। अदालत ने चुनाव आयोग से इस जानकारी को 15 मार्च की शाम पांच बजे तक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था। इस जानकारी के अनुसार बीजेपी ने इस अवधि में कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है। वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसने 16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है। वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली सबसे बड़ी कंपनी फ़्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ है। इस कंपनी ने 1,208 बॉन्ड खरीदे, जिसकी क़ीमत 12 अरब रुपये से अधिक रही।

चुनाव आयोग की ओर से जारी चुनावी बॉन्ड इनकैश करवाने वालों की लिस्ट में बीजेपी पहले और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। इस मामले में तीसरे नंबर पर अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस समिति है जिसने 14 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है। इसके बाद भारत राष्ट्र समिति ने 12 अरब रुपये और बीजू जनता दल ने 7 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है। इस मामले में पाँचवें और छठे नंबर पर दक्षिण भारत की पार्टियां डीएमके और वाईएसआर कांग्रेस (युवासेना) रहीं।

सूची में इन पार्टियों के बाद तेलुगु देशम पार्टी, शिवसेना (पॉलिटिकल पार्टी), राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, जनता दल (सेक्युलर), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, जनसेना पार्टी, अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, बिहार प्रदेश जनता दल (यूनाइडेट), झारखंड मुक्ति मोर्चा, शिरोमणि अकाली दल, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम, शिवसेना, महाराष्ट्रवादी गोमन्तक पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ़्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी हैं। वहीं सबसे अधिक कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ के बाद मेघा इंजीनियरिंग एंड इनफ़्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड दूसरे नंबर पर है।

फ़्यूचर गेमिंग ने कुल 1368 बॉन्ड खरीदे जिनकी कीमत 1368 करोड़ रुपये थी। वहीं मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के कुल 966 बॉन्ड खरीदे। इनके बाद जिन कंपनियों ने सबसे अधिक बॉन्ड खरीदे उनमें क्विकसप्लायर्स चेन प्राइवेट लिमिटेड, हल्दिया एनर्जी लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, एसेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, केवेंटर फूडपार्क इन्फ़्रा लिमिटेड, मदनलाल लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, उत्कल अलुमिना इंटरनेशनल लिमिटेड, डीएलएफ़ कमर्शियल डेवलेपर्स लिमिटेड, जिंदल स्टील, आईएफ़बी एग्रो लिमिटेड, डॉ। रेड्डी लैबोरेटरीज़ आदि शामिल हैं।

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