तारिक जकी
हैदराबाद: हैदराबाद में महिला पशुचिकित्सत के सामूहिक दुष्कर्म और बलात्कार के आरोप में हिरासत में लिए गए सभी चार आरोपियों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने का मामला थमता और ठंडा पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। इस क्रम में आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सात सदस्यीय दल ने शनिवार को उस जगह का दौरा किया जहां पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपी कथित मुठभेड़ में मारे गए थे।
जांच हेतु एनएचआरसी का दल यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित चट्टनपल्ली गांव पहुंचा जहां यह कथित मुठभेड़ हुई थी। यह मुठभेड़ स्थल उस जगह से थोड़ी ही दूर स्थित है जहां 27 नवंबर की रात पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या किए जाने के बाद उसका जला हुआ शव बरामद हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि दल ने पोस्टमार्टम के बाद महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में रखे गए आरोपियों के शव का भी निरीक्षण किया। आरोपियों के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। देश में मानवाधिकार की सर्वोच्च संस्था ने कहा था कि मुठभेड़ चिंता का विषय है और इसकी सावधानीपूर्वक जांच किए जाने की जरूरत है। आयोग ने कहा है कि आयोग की राय है कि इस मामले की जांच बेहद सावधानीपूर्वक किए जाने की जरूरत है। इसी के अनुरूप, उसने अपने महानिदेशक (अन्वेषण) को तत्काल एक तथ्यान्वेषी दल मामले की जांच के लिए मौके पर भेजने को कहा है।
वही दूसरी तरफ तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ उनके साथ गए पुलिस वालों पर “हमला” करने का मामला दर्ज किया गया है। एनएचआरसी के तथ्यान्वेषी जांच शुरू करने के बीच पुलिस ने कहा कि उसने चारों आरोपियों के खिलाफ पुलिसकर्मियों पर ‘हमला’ करने का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या की कोशिश), धारा 176 और भारतीय शस्त्र कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि चारों आरोपियों के साथ गए पुलिस दल के प्रभारी की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की गई।
वही दूसरी तरफ पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवालों के बीच मारे गए आरोपियों में से एक की पत्नी शनिवार को नारायणपेट जिले में स्थित अपने गांव में कुछ अन्य लोगों के साथ सड़क पर बैठ गई और चक्का जाम किया। उसका आरोप था कि उसके साथ नाइंसाफी हुई है। मारे गए आरोपी चेन्नकेशावुलू की गर्भवती पत्नी रेणुका ने कहा की गलती करने पर कितने लोग जेल में हैं। उन्हें भी उसी तरह गोली मार दी जाना चाहिए जैसे इन्हें (महिला पशुचिकित्सक मामले के आरोपी) को मारी गई। हम तब तक शवों को नहीं दफनाएंगे।
गौरतलब है कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह चारों आरोपियों के शव नौ दिसंबर को रात आठ बजे तक सुरक्षित रखे। इससे पहले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर उनसे इस मामले में न्यायिक दखल का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया था कि यह न्यायेतर हत्या है। उच्च न्यायालय ने यह निर्देश भी दिया था कि पोस्टमार्टम का वीडियो उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपा जाए।
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