तारिक खान
सुप्रीम कोर्ट ने कल बृहस्पतिवार को एक मामले की सुनवाई के दरमियान कहा कि उसके आदेशों के बावजूद नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। अगर शीर्ष अदालत को ऐसे बयानों पर रोक लगाने के वास्ते आगे निर्देश देने के लिए कहा गया तो उसे बार-बार शर्मिंदा होना पड़ेगा। उक्त टिप्पणी मुल्क की सबसे बड़ी अदालत में एक मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस के0 एम0 जोसेफ, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कीं।
आज हुई सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार से कहा वह सुनिश्चित करे कि रैली में कोई हेट स्पीच न हो। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को रैली की वीडियो रिकॉर्डिंग का भी निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 29 जनवरी को हुई हिंदू जन आक्रोश सभा की रैली पर भी रिपोर्ट मांगी, सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते बाद मामले की सुनवाई होगी। दो सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट देना है। साथ ही हिन्दू जनाक्रोश रैली की रेकार्डिंग भी करवानी है।
आज इस मामले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा रैली को लेकर किसी ने हमें शिकायत नहीं मिली है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा हम हम सुनिश्चित करेंगे की कोई भड़काऊ भाषण न हो, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि रैली के दौरान यह ख्याल रखा जाएगा कि पब्लिक ऑर्डर में कोई समस्या न हो, हेट स्पीच नहीं होगी और कानून का पालन किया जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील निज़ाम पाशा ने कहा मुम्बई में जनाक्रोश मोर्चा के द्वारा 5 फरवरी को आयोजित होने वाली है। वकील निज़ाम पाशा ने रैली में हेट स्पीच का आरोप लगाते हुए रैली को रोकने की मांग किया।
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