गरजी बनारस में पुलिस की गन और ढेर हुआ इनामिया फरार अपराधी टुन्ना, एक कांस्टेबल भी हुआ गंभीर रूप से घायल
ए जावेद
वाराणसी, आतंक के खात्मे के तौर पर इसको अगर देखा जाए तो कही से गलत अथवा अतिश्योक्ति नही होगी. आज वाराणसी पुलिस ने रिंग रोड पर सिंहपुर में न्यायिक अभिरक्षा से फरार पचास हजार के इनामी बदमाश राजेश दुबे उर्फ टुन्ना को मार गिराया। बदमाश राजेश की गोली से एक एसटीएफ का कमांडो विनोद कुमार भी गंभीर रूप से घायल हुआ है. जिसको मलदहिया स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राजेश के पास से मिले बैग में पुलिस को कारबाइन, एक देसी पिस्टल और 20 से ज्यादा कारतूस बरामद हुए हैं।
इस मुठभेड़ के सम्बन्ध में एसटीएफ की वाराणसी इकाई के डीएसपी विनोद कुमार सिंह के अनुसार, सर्विलांस के माध्यम से चला कि राजेश अपने एक साथी के साथ चौबेपुर की ओर से सारनाथ की ओर आ रहा है। सिंहपुर में इंस्पेक्टर विपिन राय, अमित श्रीवास्तव, एसआई गिरीश त्रिपाठी, बैजनाथ और विनोद ने घेरेबंदी की। बाइक सवार राजेश नजदीक आया तो उसे रुकने का इशारा किया गया।
इस पर बाइक चला रहा युवक तेजी से मुड़ा और राजेश फायरिंग करने लगा। करीब 12 से 15 राउंड हुई फायरिंग में सिर और सीने में गोली लगने से राजेश की मौत हो गई। वहीं, राजेश के असलहे से निकली गोली से सिपाही विनोद घायल हो गए और इंस्पेक्टर अमित बाल-बाल बचे।
दस सालो में चौथा अपराधी हुआ है ढेर
2010 से लेकर 2020 तक बनारस में पुलिस मुठभेड़ में आज राजेश दुबे उर्फ टुन्ना के रूप में चौथा बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है. अगर इससे पहले पिछले एक दशक का इतिहास उठा कर देखा जाए तो वाराणसी में लगभग 5 साल बाद कोई बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। इससे पहले 29 जुलाई 2015 को कुख्यात बदमाश सनी सिंह को वाराणसी एफटीएफ ने कबीरचौरा अस्पताल के पास हुई मुठभेड़ में ढेर किया था। उसके भी पहले कुख्यात बदमाश हेमंत मौर्य को 7 मार्च 2014 को भेलुपुर पुलिस ने कमच्छा शराब ठेके के पास हुई मुठभेड़ में ढेर किया था। और भी अगर इसके पहले जाए तो फिर इससे पहले 5 जून 2010 को उस समय अपराधियो के काल के रूप में विख्यात गिरजा शंकर त्रिपाठी (तत्कालीन एसओजी प्रभारी) की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में डेढ़ लाख का इनामी संतोष गुप्ता उर्फ किट्टू अपने एक साथी के साथ तेलियाबाग-चौकाघाट मार्ग पर हुई मुठभेड़ में मारा गया था।