वाराणसी में लागू होगी कमिश्नर प्रणाली, जाने क्या है ये पुलिस कमिश्नर प्रणाली और क्या बदलेगा जनपद में
ए जावेद
वाराणसी। प्रदेश सरकार ने आज कानपुर सहित वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर अपनी मुहर लगा दिया है। इसके बाद चर्चा अब ट्रांसफर पर टिकी हुई है। इस प्रणाली से पुलिस विभाग में थोडा परिवर्तन आएगा। उदहारण के तौर पर क्षेत्राधिकारी का नाम अब डीसीपी हो जायेगा। इस प्रणाली में कानपुर को जहा चार जोन में बाटा गया है। वही वाराणसी को दो जोन में बाटा गया है। पहले जोन वाराणसी सिटी में कुल 18 थाने होंगे जबकि वाराणसी ग्रामीण में दस थानों को रखा जायेगा।
क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली
पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों का दखल खत्म हो जाएगा। क्योंकि पुलिस को ही मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाएंगे। उसे मजिस्ट्रेट की तरह दंगे-फसाद के दौरान लाठीचार्ज, फायरिंग, गिरफ्तारी करने के आदेश देना, धारा 144 लागू करने की शक्ति मिल जाती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि की अनुमति भी कमिश्नर दे सकता है। फिलहाल यह सभी अधिकार जिला मजिस्ट्रेट के पास होते हैं।
कैसा होगा पुलिस आयुक्त प्रणाली का ढांचा
पुलिस आयुक्त के नीचे संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) या अपर पुलिस आयुक्त (एडीशनल सीपी) का पद होगा। संयुक्त पुलिस आयुक्त आईजी रैंक का होगा। अपराध और कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग संयुक्त पुलिस आयुक्त या अपर पुलिस आयुक्त होंगे। अपर पुलिस आयुक्त का पद डीआईजी रैंक का होगा। एक कमिश्नरेट में संयुक्त पुलिस आयुक्त या अपर पुलिस आयुक्त ही तैनात किए जाएंगे। कमिश्नरेट को अलग अलग जोन में बांटा जाएगा। हर जोन में एक पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एसपी रैंक का और एक अपर पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) एडीशनल एसपी रैंक का पद होगा। सर्किल और थाने की व्यवस्था पूर्व की तरह रहेगी। सर्किल में बैठने वाले अधिकारी का पद नाम सीओ के स्थान पर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) होगा।
वाराणसी नगर (कमिश्नरेट) के थाने
कोतवाली, आदमपुर, रामनगर, भेलूपुर, लंका, मड़ुवाडीह, चेतगंज, जैतपुरा, सिगरा, छावनी, शिवपुर, सारनाथ, लालपुर-पांडेयपुर, दशाश्वमेध, चौक, लक्सा, पर्यटक और महिला थाना
वाराणसी ग्रामीण के थाने
रोहनियां, जंसा, लोहता, बड़ागांव, मिर्जामुराद, कपसेठी, चौबेपुर, चोलापुर, फूलपुर और सिंधौरा