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जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 का खुला उल्लंघन कर रहे हैं अधीक्षण अभियंता

इमरान सागर
शाहजहांपुर,खुदागंज:-“सबका साथ सबका विकास “यह नारा भारतीय जनता पार्टी का क्या चुनावी नारा था? विद्युत विभाग में संविदा कर्मी और निविदा कर्मियों के साथ लगातार शोषण हो रहा है इसी संदर्भ में सूबे के ऊर्जा मंत्री ने 25,000 संविदा कर्मियों के लिए लखनऊ की एक सभा में बहुत से वायदे किए थे और तमाम प्रकार की सुविधाओं का जिक्र किया था, परंतु अभी धरातल पर ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है!

सुशासन के नाम पर जनता ने भारतीय जनता पार्टी को केंद्र से लेकर राज्य में सिर माथे लिया परंतु भ्रष्टाचार की जड़ें वहीं पर हैं! इस संदर्भ में भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं को फोन भी किया गया परंतु उन्होंने अपना पल्ला झाड़ कर दूसरे की तरफ धकेल दिया! इससे साबित होता है कि कहीं न कहीं कुछ दाल में काला है! अर्थात विभाग में मैनेज किया है, और कहां गई समाजवादी पार्टी कोई भी नेता इस प्रकरण पर धरना प्रदर्शन और ज्ञापन आखिर क्यों नहीं दे रहा है! खुदागंज विद्युत उपकेंद्र पर कुछ संविदा कर्मियों की शिकायत सामने आई थी जिस पर ऑल इन्डियी रिपोर्ट एसोसिएशन की टीम ने वहां जाकर कवरेज की थी! इस खबर को प्रमुखता से छापा गया था! खुदागंज विद्युत उपकेंद्र पर जैसे सारी समस्याओं को पूछा गया तब यह खुदागंज ने स्वीकार किया था कि उन्हें तो हकीकत में ठेकेदार का नाम तक नहीं पता है क्योंकि इसमें बहुत ऊंचे रसूख वाले लोग मिले हुए हैं! इस मामले की शिकायत संविदा कर्मियों ने जिलाधिकारी शाहजहांपुर को भी की थी! परंतु संविदा कर्मियों को अभी तक न्याय नहीं मिला है! एक आरटीआई कार्यकर्ता ने अधीक्षण अभियंता से जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत बिंदुवार सूचनाएं मांगी थी परंतु अधीक्षण अभियंता ने कोई भी जवाब नहीं दिया इसके उपरांत आरटीआई कार्यकर्ता ने अधीक्षण अभियंता, शाहजहांपुर को एक स्मरण पत्र भेजा तब अधीक्षण अभियंता ने उसका जवाब दिया जिसको पढ़ कर किसी को भी हैरानी होगी!अधीक्षण अभियंता ने बिंदुवार सूचना नहीं दी और न संविदा कर्मियों की समस्या को लेकर कोई जवाब दिया बल्कि सीधे-सीधे उसमें लिखा कि विद्युत अधीनस्थ मंडलों में कोई संविदा कर्मी नहीं है! शाहजहांपुर में जनप्रतिनिधि और इसी विभाग के उनके अधिकारी भी उनके व्यवहार से काफी खफा है परंतु उनका कहना है कि उनकी मजबूरी है क्योंकि काम उनके अंडर में करना है अतःसामने कुछ नहीं कर सकते अन्यथा वह उनको बेवजह परेशान करेंगे कभी सेलरी काटेंगे  तो कभी कुछ और शोषण करेंगे!विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों का यह कहना है कि उनकी मजबूरी है क्योंकि वही उनके साहब हैं! अब विडंबना देखिए कि अधीक्षण अभियंता जनसूचना अधिकार अधिनियम से ऊपर हो गए! एक पत्रकार ने जब अधीक्षण अभियंता को फोन किया और पूछा कि एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आपको आरटीआई भेजी थी जिसका आपने जवाब संतोषजनक नहीं दिया तब वह भड़क उठे और बोले जो उन्हें जवाब देना था दे दिया ,अब जाओ कोर्ट कचहरी करो जाकर वहां हम जवाब दे देंगे ! यह भारत सरकार के बनाए गए कानून का खुला उल्लंघन है!

सूत्रो की माने तो तिलहर स्थित क्षेत्र मुख्यालय तिलहर नगर के विद्धुत उपभोगताओं का संविदा कर्मियों द्वारा खुला शोशण करवा कहा है क्यूंकि उपभोगताओं द्वारी कर्मियों को जब बिल निकालने के सर्विस चार्ज नही मिलते तो वे किसी बहाने को लेकर पुलिस द्वारा सीधा मुकदमा लिखवा देते हैं! विभाग और उसके कर्मियों से आहत जनमानस द्वारा सीधी मांग सुनने को मिलती है कि जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध है ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करें ताकि भारत के संविधान की गरिमा बढ़े।
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