भारत नेपाल सीमा पर बसी थारू जनजाति इन दिनों खाद की समस्या से जुझ रही है। इस समस्या को प्रधान संघ और जिला सहकारी समिति के सदस्यों ने मीटिंग कर रोष व्यक्त किया और इस सम्बन्ध में २१ ग्राम प्रधानों ने आगे की रणनीति पर भी विचार किया।
बैठक में प्रधान संघ के अध्यक्ष राम नरेश राना का कहना था कि इस दौरान किसान धान की फसल लगाने के लिए तैयारी कर रहा है लेकिन सरकार खाद गोदाम पर नेटवर्क न होने के चलते खाद नहीं मिल पा रही है। सरकार द्वारा नये नियम के तहत खाद की बिक्री मशीन द्वारा की जा रही है और नेटवर्क न होने के चलते मशीन चल नहीं पा रही जिससे खाद मिल पा रही है।
खाद न मिल पाने के चलते थारू जनजाति के लोग चालिष किलो मीटर दूर पलिया से खाद लाते हैं वहां से लाने पर रास्ते में मिलने वाले पुलिस कर्मी , कस्टम और एस एस बी थारू जनजाती के लोगों से खाद तस्करी का इल्ज़ाम लगा कर डरा धमकाकर पैसे वसूल करते हैं।
मीटिंग में पिपरौला के ग्राम प्रधान छैल बिहारी राना ने बताया कि इस सम्बन्ध में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त जनजाति मंत्री गुलाबो देवी को भी एक ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। बैठक में जिला सहकारी समिति के अध्यक्ष शेर सिंह राणा, देवराही के ग्राम प्रधान कल्लू , शिव चरन, घुम्मन सहित तमाम लोग शामिल हुए।
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