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अफ़ग़ान युद्ध अपराध की जांच रोकने के लिए अमरीका ने आईसीसी के अधिकारियों को वीज़े देने से किया इंकार, आईसीसी ने जतायी कड़ी प्रतिक्रिया

आफ़ताब फ़ारूक़ी

 16 जनवरी 2019 को नेदरलैंड के हेग में अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की बिल्डिंग नज़र आ रही हैं (रोयटर्ज़ के सौजन्य से)

अमरीका ने अफ़ग़ान युद्ध अपराध की जांच की कोशिश करने पर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के कर्मचारियों को वीज़े देने से इंकार किया है।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय के कर्मचारियों के वीज़े पर पाबंदी लगाएगा जो अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के कथित युद्ध अपराध की जांच करना चाहते हैं।
पोम्पियों ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में मीडिया ब्रीफ़िंग में कहाः “हम उन लोगों पर सीधे तौर पर अमरीका की ओर से वीज़े की पाबंदी लगाने का एलान करते हैं, जिन्हें अमरीकी सैनिकों की आईसीसी द्वारा जांच की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। इस पाबंदी में वे लोग शामिल हैं जो इस तरह की जांच करना चाहते या जिन्होंने इस तरह की जांच को आगे बढ़ाने का आवेदन किया है। वीज़े की पाबंदियों में इस्राईलियों सहित घटक सैनिकों से पूछताछ की आईसीसी की कोशिशों को रोकना भी शामिल है।”
अमरीकी विदेश मंत्री ने धमकी दी कि अगर अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय आईसीसी ने अपना मार्ग नहीं बदला तो अमरीका आर्थिक पाबंदियों सहित कुछ दूसरे अतिरिक्त क़दम उठाने के लिए तय्यार है।
पोम्पियो ने यह बात स्पष्ट रूप से नहीं कही कि वीज़ा पाबंदी से कितने लोग प्रभावित होंगे।
यह एलान ऐसे समय सामने आया है कि जब अमरीका ने अपनी संप्रभुता के उल्लंघन का दावा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय से अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सैनिकों के युद्ध अपराध की जांच के विषय पर सहयोग करने से इंकार कर दिया है।
राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय को धमकी और उसके वजूद पर सवाल उठाया था। अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन का पहला भाषण भी आईसीसी के बारे में था जिसमें उन्होंने अमरीकी सैनिकों की जांच की आईसीसी की कोशिश की आलोचना की थी।
शुक्रवार को अमरीकी एलान के जवाब में आईसीसी ने पोम्पियो के बयान की आलोचना की और कहा कि अमरीका मानवाधिकार संरक्षण को तबाह करने पर तुला हुआ है।
एम्नेस्टी इंटरनैश्नल के अधिकारी डेनिलय बैल्सन ने कहाः “यह एलान उस प्रशासन की ओर से अंतर्राष्ट्रीय न्याय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं पर ताज़ा हमला है जो मानवाधिकार संरक्षण को तबाह करने पर तुला हुआ है।


उन्होंने कहाः “अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के तहत बहुत गंभीर अपराधों जैसे युद्ध अपराध, मानवता के ख़िलाफ़ अपराध और जातीय सफ़ाए जैसे अपराध में मुक़द्दमा चलाता है।”
बैल्सन ने कहाः “इस प्रशासन की वीज़ा पर पाबंदी कि जिसे उसने मानवाधिकार के सबसे गंभीर उल्लंघनकर्ताओं के लिए सुरक्षित कर रखा है, ताकि दुनिया में सबसे गंभीर कुछ अपराध के इल्ज़ाम की जांच को रोक दे, यह दर्शाती है कि इस प्रशासन में मानवाधिकार के दुरुपयोग को अहमयित न देने का चलन एक आम बात बन चुका है।”

aftab farooqui

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