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शहीद करकरे पर की गई टिप्पणी घटिया हरकत, साध्वी के साथ टार्चर का कोई सबुत नही, हां प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ साक्ष्य उपलब्ध थे – पूर्व सरकारी वकील रोहिणी साल्यान

आफताब फारुकी

नई दिल्ली। आतंकी घटना की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के द्वारा आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुवे हेमंत करकरे पर दिये गए विवादित बयान के बाद से लगातार मामला सुर्खियों में है। खुद के नामो के आगे चौकीदार लगाये कुछ आईडी के द्वारा साध्वी का बचाव और लगातार हेमन्त करकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर ज़हर उगला जा रहा है।पहली नज़र में ही देखने से ऐसा लगता है कि मुख्य मुद्दों से बातो को भटका कर दुसरे मुद्दों पर बातो और बहस को ले जाने का ये एक सोचा समझा प्लान हो सकता है।

बहरहाल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के आरोपों के विरोध में आज मालेगाव ब्लास्ट मामले में पूर्व सरकारी वकील ने उनके हेमंत करकरे से सम्बंधित बयान को लेकर जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को किसी प्रकार का भी टार्चर नही किया गया था और न ही इसके कोई सबुत है बल्कि ब्लास्ट में साध्वी के हाथ होने का सबूत उपलब्ध है। बताते चले कि सरकारी वकील रही रोहिणी साल्यान ने एनआईए पर केस कमज़ोर करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुवे उसके केस को छोड़ दिया था।

बताते चले कि मालेगांव ब्लास्ट केस आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अब भाजपा के टिकट से आतंकी घटना के आरोपी होते हुवे माननीय बनने के लिए देश की सबसे क्रीम सीट में से एक भोपाल से चुनाव लड़ रही है। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान 26/11 के हीरो हेमंत करकरे की अगुवाई वाली टीम द्वारा जांच के दौरान प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि उन्होंने उनके सर्वनाश होने का श्राप भी दिया था। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्होंने शहीद करकरे को शाप दिया था, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

बताते चले कि प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि हेमंत करकरे राष्ट्रविरोधी थे। वह धर्म के विरुद्ध (धर्म-विरोधी) थे। आप इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन मैंने कहा था कि ‘तुम्हारा सर्वनाश होगा’। इसके तुरंत बाद, आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी।

इस बयान के बाद जहा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की निंदा शुरू हुई वही भाजपा ने इस बयान से अपना तुरंत किनारा कर लिया था। शहीद के शान में ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा ने खुद का इस बयान से किनारा कर लेना ही बेहतर समझा था, अब इस केस की पूर्व सरकारी वकील रोहिणी साल्यान ने स्पष्ट किया कि प्रज्ञा ठाकुर को यातना देने या अवैध हिरासत में रखने का कोर्ट को कोई सबूत नहीं मिला। मैंने कभी सुना नहीं कि एक साध्वी ने श्राप दिया और कोई शख्स मर गया। ये टिप्पणियां हेमंत करकरे के खिलाफ अनुचित और बिना सोचे समझे दी गई हैं। मुझे लगता है कि वह प्रचार के लिए ऐसा कर रही हैं क्योंकि वह चुनाव लड़ रही हैं। इस तरह की अवांछित टिप्पणियां घटिया हैं।

पूर्व वकील सलियन ने प्वाइंट आउट किया कि कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर के मामले में यातना या अवैध हिरासत का कोई सबूत नहीं पाया था। इसलिए उन्होंने ने उच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें मेडिकल रिपोर्ट सहित सभी रिकॉर्ड थे, मगर इसके बाद भी उनकी याचिका खारिज कर दी गई। पूर्व वकील रोहिणी साल्यान ने भाजपा के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उसके भोपाल के उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को पिछली कांग्रेस सरकार ने फंसाया था। उन्होंने कहा कि दोनों अभियुक्तों को आखिरी बार भोपाल में प्रज्ञा ठाकुर के साथ देखा गया था, इस बात के भी सबूत हैं। साध्वी प्रज्ञा का वाहन एक स्कूटर उसी परिसर में पड़ा हुआ था, जहां वे रह रहे थे। अंत में, इस स्कूटर को ब्लास्ट की जगह पर ले जाया गया और वहां इस्तेमाल किया गया।

सरकारी वकील ने कहा कि उन्होंने 2015 में इस मामले से खुद को अलग कर लिया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उन पर इस केस को सॉफ्ट करने का दबाव डालना शुरू कर दिया था। तब तक, मैं अदालत में अपने कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र थी। हालांकि, ऐसी परिस्थितियों में काम करना मुश्किल था। सलियन ने कहा कि वह आतंकवादी हमलों के दिन हेमंत करकरे से मिलने वाली अंतिम व्यक्ति थीं। उन्होंने कहा कि मैं आज केवल एक उद्देश्य के लिए बोल रही हूं, क्योंकि मैं वीर पुलिस अधिकारियों को बदनाम नहीं होने दे सकती।

पूर्व सरकारी वकील के इस बयान के बाद हाशिये पर एनआईए एक बार फिर से आया था। बताते चले कि भाजपा सरकार बनने के बाद इस केस में एनआईए को एक बड़ा झटका तब लगा था जब केस को कमज़ोर करने के दबाव का आरोप लगते हुवे सरकारी वकील सालियन ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था। अब 2015 के बाद इस केस पर फिर से सियासी रंग का चढ़ना दिखाई दे रहा है। जहा भाजपा समर्थक इस मामले में सोशल मीडिया पर साध्वी को क्लीन चिट दे रहे है और एनआईए पर आरोप लगा रहे है वही इस साध्वी के इस बयान की चारो तरफ आलोचनाओ का दौर भी चल रहा है। बताते चले कि श्राप का खौफ दिखाने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अकेली भाजपा प्रत्याशी नही है बल्कि उन्नाव से चुनाव लड़ रहे भाजपा के महाराज ने भी इसके पहले श्राप का खौफ अपने बयान में दिखाया था।

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