अनिल कुमार
पटना। बिहार में मासूम बच्चो की मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। भले ही मीडिया किसी और मुद्दे पर बैठ कर बहस करे। मगर हकीकत ये है कि मुल्क बिहार में हो रही बच्चो की मौतों को लेकर ग़मगीन है। बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 135 पहुंच गई है। पूरे मामले में सरकार खामोश है। सिर्फ मुजफ्फरपुर में ही 117 बच्चों की मौत हो गई। 12 मौतें मोतिहारी और 6 मौतें बेगूसराय में हुई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में व्यस्त हैं, तो डिप्टी सीएम सुशील मोदी पटना में। हर कोई सवाल पूछ रहा है कि बच्चों की सांसें छिनने का सिलसिला कब खत्म होगा? फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
कैदी वार्ड को शिशु वार्ड में बदल दिया गया है। मुजफ्फरपुर प्रशासन ने लोगों को जागरुक करने के लिए 32 लोगों की टीम बनाई है। जिन जगहों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं, वहां 10 अतिरिक्त एबुलेंस को लगाया गया है। घर-घर लोगों को ओआरएस बांटने की तैयारी है।
देश के बाकी हिस्सों में भी चमकी बुखार का डर राज्य सरकारों को सता रहा है। ओडिशा में लीची के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। राजस्थान सरकार ने चिकित्सा विभाग को पहले से ही सतर्क रहने को कहा है। झारखंड में भी सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
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