बापू नंदन मिश्रा
भारतीय संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जो भी इस संसार में वस्तु वृक्ष अथवा जीव जंतु यदि दिख रहे हैं। अस्तित्व में हैं तो उसको किसी ना किसी रूप में इस समस्त सृष्टि में जुड़ाना उसका निश्चित ही है। बस इसी तरह एक वृक्ष जो एक वर्ष में एक ही दिन खोजा जाता है। जब मां अपने पुत्र के लिए 24 घंटे बिना पानी के रह कर जीवित्पुत्रिका व्रत करती हैं। उस वृक्ष का नाम बरियार है। जो इस बदलते मौसम और वातावरण को देखते हुए लुप्त होता जा रहा है।
इतना ही नहीं बल्कि उसी बरियार के साथ हमारी माताएं बैठती हैं, और माता सीता को संदेश देती है। अर्थात यू कहें यह एक ऐसा वृक्ष है, जो एक वर्ष में एक ही दिन तो आता है, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण वृक्ष है।
अनुराग पाण्डेय डेस्क: थाईलैंड की 48 वर्षीय नेता प्रापापोर्न चोइवाडकोह अपने गोद लिए हुए बेटे…
शफी उस्मानी डेस्क: 'वड़ा पाव गर्ल' के नाम से मशहूर चंद्रिका गेरा दीक्षित एक बार…
तारिक़ खान डेस्क: रोहित वेमुला की आत्महत्या मामले में तेलंगाना पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट के…
आफताब फारुकी डेस्क: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी के राहुल गांधी को 'शहजादा'…
अनुराग पाण्डेय डेस्क: ग़ज़ा से इसराइली बंधकों की रिहाई और युद्ध में संघर्ष विराम के…
आदिल अहमद डेस्क: भारतीय वायु सेना के एक काफिले पर भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर…