तारिक आज़मी
वाराणसी में कभी खौफ का कारोबार करने वाला विश्वास धीरे धीरे अपना साम्राज्य पूर्वांचल ही नहीं बल्कि नेपाल में भी फैला चूका है। ट्रेवेल एजेंसी का नाम और काला कारोबार काम के तर्ज पर विश्वास ने काफी पैसे भी कमाये है। उत्तर प्रदेश और बिहार से फरार अपराधियों को अपने यहाँ संरक्षण देकर उनसे पैसे लेना और उनको काम देना इसका मुख्य कारोबार था। सूत्र बताते है कि कारोबार को इसने थोडा ही नहीं बल्कि बहुत बदला है।
नोटबंदी में जमकर काटी है चांदी
भारत में नोटबंदी होने के बाद काफी लोग ऐसे थे जिसने पुराने रखे काले धन बदल नही पाये थे। वही भारत सरकार से पैकेड के बाद नेपाल को अतिरिक्त समय नोट बदलने के लिए मिला हुआ था। ऐसा केवल इस कारण से था क्योकि भारतीय करेंसी नेपाल में भी आम तौर पर खरीदारी में चलन में है। नेपाली करेंसी के तरह भारतीय करेंसी से भी खरीदारी हो जाती थी। भारत में पुराने नोट बंद होने के बाद भी नेपाल को अतिरिक्त समय मिला था जहा नोट बदली जा रही थी।
इसको कारोबार के तौर पर अपनाते हुवे विश्वास और उसके सफ़ेदपोश गुर्गो ने काफी चांदी काटी। सूत्रों की माने तो इसमें बनारस के दो सफ़ेदपोश ने इसका काफी सहयोग किया था। मगर पुलिस के नज़र से ये दूर ही रहे। बेईमानी के कारोबार में पूरी ईमानदारी का परिचय दिया गया था। अगर किसी के साथ कोई घटना भी हुई होगी तो वह बोलने वाला नही है। सूत्र बताते है कि इस प्रकार के नोट बदलने के लिए दिल्ली तक से लोग नेपाल गये थे और करेंसी बदली थी। पुलिस ने काफी बरामदगी भी किया था मगर किसी ने मुह नही खोला कि कहा लेकर जा रहे थे या फिर कहा जा सकता है कि पुलिस ने शायद मुह खुलवाने की कोशिश नही किया होगा।
बहरहाल, सूत्र बताते है कि इस कारोबार ने विश्वास और उसके सफ़ेदपोश गुर्गो को मोटी कमाई करवाई है। उसके गुर्गे अचानक ही अमीर हो गए थे। विश्वास अपने नेपाल में अपने संपर्क के कारण पूरे मूल्य पर उन करेंसी को बदलता था जबकि उसको देना सिर्फ 15 फीसद से लेकर 30 फीसद तक था। इस दौरान काफी बड़ी बड़ी रकमों को तब्दील किये जाने की भी जानकारी सूत्रों से माध्यम से मिली है।
काले कारोबार का पड़ा चस्का
वही एक सूत्र ने तो यहाँ तक बताया है कि नोटों को बदलने के क्रम में काफी नकली नोटों को प्रयोग में लिया जाता था। नकली नोटों और असली नोटों का प्रतिशत व्यापारी से तय हवे वापसी प्रतिशत पर आधारित थे। इसके बाद से ही एक और काला कारोबार इस गैंग के हाथ लगा और अब इस काम को गुट आगे बढ़ा रहा है। सूत्र बताते है कि इस कारोबार में उसका मुख्य सहायक के तौर पर अज़ीम ही है। Continue in Part – 4
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